39 करोड़ रिश्वत में बांटे!
इस सप्ताह आयकर विभाग के सूत्रों से दो बड़ी खबरें आ रही हैं। मप्र की कमलनाथ सरकार ने जाते-जाते एक दलाल के जरिए एक ठेकेदार को 100 करोड़ से अधिक का संदिग्ध भुगतान करा दिया। संयोग से कुछ दिन बाद इस ठेकेदार के यहां आयकर का छापा पड़ गया। ठेकेदार के बैंक खातों की जांच के दौरान पता चला कि बैंक से लगभग 39 करोड़ रुपए ऐसे निकाले गए हैं जिसका कोई हिसाब नहीं है। बताते हैं कि आयकर विभाग की पूछताछ में ठेकेदार ने लिखित में स्वीकार कर लिया है कि उसने 35 प्रतिशत रिश्वत देने के लिए बैंक से यह राशि निकाली थी। इस सूचना के बाद मप्र की भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। यह एजेंसियां अब आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं।
आईएएस को दिए एक करोड़!
यह दूसरी खबर भी आयकर विभाग से छनकर बाहर आई है। कमलनाथ सरकार में प्रचार-प्रसार का काम करने वाली कुछ एजेंसियों पर आयकर विभाग के छापे पड़े थे। इन छापों के बाद हुई जांच में एक व्यक्ति ने बयान दर्ज कराया है कि उसने प्रदेश के एक आईएएस को एक करोड़ रुपए नगद रिश्वत दी है। बयान में दावा किया गया है कि आईएएस ने ग्वालियर और इंदौर के दो दलालों के जरिए रिश्वत की राशि ली है। इस व्यक्ति ने रिश्वत लेने आए दोनों दलालों के मोबाइल नंबर और फोटो भी आयकर विभाग को सौंप दिए हैं। एक समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खास रहे इस आईएएस अधिकारी से फिलहाल मुख्यमंत्री ने दूरी बना रखी है।
प्रज्ञा की परेशानी
भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मोदी सरकार से अपनी एकमात्र मांग मंजूर कराने में ही असफल हो रही हैं। इसे लेकर उनके संसदीय क्षेत्र में उनकी किरकिरी भी हो रही है। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान साध्वी सांसद एम्स के जरिये लोगों की मदद करना चाहती थीं। एम्स के डायरेक्टर डॉ.सरमन सिंह ने सांसद को खास तवज्जों नहीं दी। इससे नाराज सांसद ने सार्वजनिक रूप से डॉ. सिंह को भ्रष्टाचार में लिप्त बता दिया। सांसद ने भोपाल क्राइसिस कमेटी की बैठक में जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रस्ताव पारित करा दिया कि एम्स के डायरेक्टर को हटाया जाए। बताते हैं कि पिछले एक महीने से सांसद पूरी ताकत लगा चुकी हैं, लेकिन एम्स के डायरेक्टर को हटाने में असफल रही हैं। दूसरी ओर एम्स के डायरेक्टर डॉ. सिंह ने भी बयान दे दिया है कि सांसद चाहती हैं कि मैं उनकी जी हुजूरी करूं, उनका नौकर बनकर रहूं। खास बात यह है कि डॉ. सिंह इसी साल नवंबर में रिटायर हो जाएंगे। फिलहाल प्रज्ञा के लिए सरमन सिंह सिरर्दद बन गए हैं।
मायावती शिवराज साथ-साथ!
मप्र की राजनीति में यह संभव नहीं है कि भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती कभी एक मंच पर साथ-साथ हों। भिंड से बसपा के विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने एक अखबार को दिए विज्ञापन में इन दोनों नेताओं के फोटो साथ-साथ छापकर भविष्य की राजनीति के संकेत दिए हैं। संजीव कुशवाह बेशक बसपा से विधायक हैं लेकिन उनका झुकाव अब भाजपा की ओर साफ दिखाई दे रहा है। पिछले दिनों अपने विधायक कार्यकाल की उपलब्धियों पर अखबारों में दिए विज्ञापन में संजीव कुशवाह ने अपनी सफलता का श्रेय मायावती के साथ-साथ शिवराज सिंह चौहान को देते हुए इन दोनों नेताओं की फोटो साथ-साथ छाप दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विज्ञापन भविष्य में मप्र की राजनीति में नए गुल खिला सकता है।
जालमसिंह का कबूलनामा
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई और मप्र भाजपा के वरिष्ठ विधायक जालमसिंह पटेल ने इस सप्ताह सार्वजनिक रूप से कबूल किया कि मप्र में अवैध शराब के कारोबार में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के नेेता बराबरी से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मप्र में अवैध शराब की बिक्री का कारोबार सर्वदलीय तरीके से हो रहा है। इससे भाजपा अछूती नहीं है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए प्रशासन अपनी ओर से कोई कार्रवाई नहीं करता। कोई जनप्रतिनिधि यदि शिकायत करता है तो ही प्रशासन सक्रिय होता है। हर तरह के नशे का विरोध करने वाले जालमसिंह ने संकल्प लिया है कि वे अपने जिले में शराब की अवैध तस्करी और बिक्री के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
मंत्रियों ने लिया मंत्रियों का इंटरव्यू
पिछले दिनों ग्वालियर चंबल संभाग के एक समाचार पत्र ने एक नया प्रयोग किया। ग्वालियर-चंबल के विकास पर आधारित विशेषांक प्रकाशित करने के लिए इस अखबार ने यहां के दो केंद्रीय मंत्रियों के इंटरव्यू का जिम्मा मप्र के दो मंत्रियों को सौंपा। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का इंटरव्यू लेने प्रदेश के राज्य मंत्री भारतसिंह कुशवाह दिल्ली पहुंचे। जबकि केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से साक्षात्कार करने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को दिल्ली भेजा गया। इन दोनों मंत्रियों ने न केवल केंद्रीय मंत्रियों का इंटरव्यू किया बल्कि किसी संवाददाता की तरह इंटरव्यू करते हुए फोटो भी खींचे। अखबार ने उक्त फोटू के साथ मंत्रियों का मंत्रियों से साक्षात्कार प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसे नए प्रयोग के रूप में देखा जा रहा है।
और अंत में…..
मप्र में लंबे समय बाद ईसाई धर्मांतरण की आहट सुनाई देने लगी है। पिछले दिनों की कुछ घटनाओं से ऐसे संकेत मिल रहे हैं। भोपाल के एक इंजीनियर की मूक बधिर पत्नी ने अचानक ईसाई धर्म स्वीकार किया तो मप्र का खुफिया तंत्र सक्रिय हुआ। इसी बीच भाजपा विधायक शैलेन्द्र जैन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपकर सागर जिले में एक ईसाई संस्था द्वारा 400 एकड़ जमीन पर कब्जाकर अनैतिक गतिविधियां जिसमें धर्मांतरण भी शामिल है, की शिकायत करते हुए जांच की मांग कर डाली। भोपाल के अमोनी गांव में एक ईसाई संस्था ने 125 एकड़ जमीन खरीदकर गरीब बच्चों के लिये आवासीय स्कूल शुरु किया है। यहां भी धर्मांतरण की आशंका व्यक्त की जा रही है।
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