उज्जैन। जिला प्रशासन चौड़ीकरण करने पर धृण है और अपंग आश्रम तक पूरा मैदान किया जाएगा तथा इसके बाद दीवार उठाकर गट लगाया जाएगा। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि महाकाल क्षेत्र के रहवासी पिछले कई दिनों से इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन आने वाले 100 सालों को देखते हुए यह योजना बनाई जा रही है जिस पर अमल शुरु हो गया है और जो कार्य हो अगले 100 साल तक स्थायी हो।
महाकाल विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत महाकाल मार्ग चौड़ीकरण के लिए पिछले दिनों हुए सर्वे की रिपोर्ट तैयार हो रही है। इसमें अपंग आश्रम समेत चिन्हित किए गए दो दर्जन के लगभग मकान, दुकान और होटलों आदि की जमीन की सूची बनाने की प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो गई है। इसमें यह तय किया जा रहा है कि किस मकान या दुकान का कितना एरिया चौड़ीकरण की जद में आएगा। उल्लेखनीय है कि महाकाल रूद्र सागर विकास योजना के तहत जहां एक ओर 500 मीटर के दायरे में सुप्र्रीम कोर्ट जिला प्रशासन, नगर निगम और महाकाल मंदिर समिति को अतिक्रमण हटाने तथा नए निर्माण की अनुमति नहीं देने के निर्देश 3 महीने पहले दे चुका है। इसके अलावा प्रोजेक्ट के अनुसार महाकाल मंदिर के ठीक सामने 70 मीटर के दायरे में पूर्व दिशा में चौड़ीकरण भी प्रस्तावित है। इसके लिए जिला प्रशासन और नगर निगम पिछले महीने इस घेरे में आ रहे मकानों और दुकानों का भौतिक सर्वे भी करा चुका है। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि महाकाल मंदिर के ठीक सामने 200 बाय 70 मीटर के दायरे में चिन्हित किए जा चुके लगभग दो दर्जन मकानों, दुकानों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें अपंग आश्रम समेत कई होटलें, दुकानें और घर शामिल है। सूची के बाद अब अधिकारी सर्वे के अनुसार यह तय कर रहे हैं कि इन दो दर्जन निर्माणों में किस भवन या दुकान का कितना हिस्सा चौड़ीकरण के दायरे में आएगा। सूत्रों का कहना है कि एक हफ्ते में यह पूरी सूची फाइनल हो जाएगी। सूची फाइनल होते ही संबंधित मकान, दुकान और होटल मालिकों को कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि दो हफ्ते पहले सर्वे टीम ने महाकाल मंदिर के ठीक सामने यादव धर्मशाला के पीछे स्थित गली नंबर 7 में बाबा रामदेव मंदिर पर चौड़ीकरण का पहला निशान लगाया था। दूसरा निशान अपंग आश्रम के ठीक पीछे गली नंबर 2 में लगाया गया था। इसी के साथ अंतिम निशान महाकाल घाटी वाली गली नंबर 1 में खंडेलवाल रेस्टोरेंट के ठीक आगे लगाया था। इस सर्वे के बाद से ही फायनल सूची बनाने का काम शुरू हो गया था। जल्द ही सर्वे दल लगाए गए निशान के अनुसार चौड़ीकरण का मापदंड निकालेंगे।
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