सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों की नहीं है खैर अवधि का परीक्षण करेंगे… बिना लीज रेंट दिए नवीनीकरण पर आश्चर्य
इंदौर। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले लोगों की अब खैर नहीं है। जिला प्रशासन अपनी संपत्ति की सूची बनाकर जहां कार्रवाई कर रहा है, वही ऐसे लीजधारक, जो लंबे समय से भूभाटक नहीं भर रहे हैं, उन पर भी गाज गिरना तय है। 108 नजूल की भूमियों की भी सूची तैयार की गई है। कई जमीनों का नवीनीकरण लंबे समय से नहीं हुआ है, जिस पर भी प्रशासन संज्ञान ले रहा है। सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण और मंदिरों की जमीन को खाली कराने के साथ ही अब जिला प्रशासन नजूल की लीज भूमि पर भी कार्रवाई की शुरुआत करने जा रहा है।
जिले की 108 भूमि, जो लीज पर दी गई है, उनसे राजस्व वसूली का अभियान शुरू किया जा रहा है। इन 108 लीज भूमि में से 73 का नवीनीकरण होना शेष है। उक्त प्रकरणों के आधार पर जल्द ही नवीनीकरण की कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। अपर कलेक्टर सपना लोवंशी ने बताया कि जिले की सभी नजूल की लीज पर दी गई भूमियों को लेकर अभियान शुरू किया जा रहा है। समस्त प्रकरण निकालकर उनकी लीज अवधि का परीक्षण करने के साथ ही नवीनीकरण के मामलों को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिन लीजधारकों ने अभी तक भूभाटक जमा नहीं किया है, उनसे वसूली भी जल्द से जल्द की जाएगी। 2012 में चला था प्रशासन का डंडा उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 से जिले में नजूल भूमि को लेकर विशेष अभियान चलाया गया था और प्रत्येक भूमि के लीज प्रकरण को खंगालकर लीजधारक से दस्तावेज तथा किए गए अनुबंध का परीक्षण करने के बाद राशि जमा कराई गई थी। उसके बाद से जिले में सतत कार्रवाई हुई और कुछ जमीनों की लीज निरस्त करने का काम भी हुआ है। वर्तमान में प्रशासन के पास 108 लीज पर दी गई भूमियों की जानकारी है, जिन पर बकाया भूभाटक की वसूली अब की जाएगी। ज्ञात हो कि इंदौर जिले में कई मंदिर ऐसे हैं, जो सरकारी घोषित होने के बावजूद भी निजी लोगों के कब्जे में हैं। मंदिरों के पुजारी को दी गई जमीन आम लोगों द्वारा हांकी जा रही है। रेसीडेंसी क्षेत्र पर भी करवाई में तेजी दो बार अधिसूचना जारी करने के बावजूद भी लंबे समय से रेसीडेंसी क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों की रुचि दस्तावेज जमा करने में कम ही नजर आ रही है । जनप्रतिनिधियों के मनाने के बावजूद भी लोग अपने दस्तावेज जमा नहीं कर रहे हैं। यहां की अधिकांश भूमि लीज पर दी जाना नजर आ रही है, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। अपर जिला दंडाधिकारी सपना लोवंशी के अनुसार रेसीडेंसी क्षेत्र की भूमि को लेकर शुरू किए गए दस्तावेजीकरण के कार्य में अधिकांश लोगों ने अपने दस्तावेज अभी तक जमा नहीं किए हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रचार- प्रसार किया गया। अब इस क्षेत्र को तीन अलग-अलग सेक्टर में बांटकर एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे अपने सेक्टर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र तथा कॉलोनी के रहवासियों से उनके पास उपलब्ध दस्तावेज एकत्रित कर प्रस्तुत करेंगे, जिसके आधार पर इस क्षेत्र का सर्वेक्षण पूर्ण होगा एवं उसका राजस्व रिकार्ड तैयार किया जाएगा।
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