भोपाल। मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से शराब सस्ती हो जाएगी। देसी शराब का 110 रुपए में मिलने वाला 180 एमएल का पौवा 85 रुपए का हो जाएगा। विदेशी शराब से 10 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी कम की जा रही है, जिससे यह शराब 50 रुपए से 500 रुपए तक सस्ती होगी। प्रदेश में देसी शराब सस्ती करने के लिए शराब बनने से लेकर ग्राहक तक पहुंचने की कमाई का मार्जिन घटा दिया गया है। मंत्रिमंडल समूह की हुई बैठक में हेरिटेज लिकर का पेटेंट कराने पर सहमति बनी है। इससे जनजातियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो सकेगा। मध्यप्रदेश हेरिटेज (पारंपरिक) शराब नीति 2022 में आदिवासियों को महुए की शराब बनाए जाने को अनुमति दी गई है। फिलहाल, महुआ से शराब बनाया जाना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिंडोरी और आलीराजपुर में लागू होगा।
4 गुना ज्यादा स्टॉक रख सकेंगे
प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा घोषित नई शराब नीति 1 अप्रैल से लागू होने जा रही है। इसमें खास यह भी होगा कि आम नागरिक, जिनकी सालाना आय 1 करोड़ या अधिक है, वह 50 हजार फीस जमा कर बार का लाइसेंस ले सकेंगे। अभी व्यक्ति को तीन बोतल सील पैक और एक खुली बोतल या एक पेटी बीयर रखने की अनुमति थी। नई व्यवस्था के तहत वह इस क्षमता का चार गुना स्टॉक रख सकेगा। बता दें कि प्रदेश में फिलहाल 2544 देसी और 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं।
निगम 4 जगह बनाएगा डेडिकेटेड शराब दुकानें
उधर नगर निगम भोपाल में डेडिकेटेड शराब दुकानें खोलने जा रहा है। एक अप्रैल से सर्वधर्म कॉलोनी कोलार, पी एंड टी चौराहा, पंचशील नगर और कोकता की शराब दुकानें नगर निगम द्वारा बनाई जा रही दुकानों में ही खुलेंगी। अन्य इलाकों में भी दुकानें तलाशी जा रही हैं। दरअसल, रहवासी क्षेत्रों के आसपास, मुख्य बाजारों में या धार्मिक स्थलों के रास्तों पर शराब दुकानें खोलने का विरोध होता है। इसी से बचने के लिए सरकार ने नई नीति में यह प्रावधान जोड़ा है कि जहां निकाय की दुकानें उपलब्ध होंगी, वहां कॉन्ट्रैक्टर को शराब दुकान चलाने दी जाएगी। कॉन्ट्रैक्टर समाप्त होने पर दुकान खाली करना जरूरी होगा। बागसेवनिया, कटारा हिल्स, आनंद नगर में भी जगह तलाशी जा रही है। शहर में 90 शराब दुकानें स्वीकृत हैं। कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी के मुताबिक जहां भी सरकारी जमीन होगी, वहां शराब दुकान बनेगी। इसके लिए कलेक्टर गाइडलाइन का 2प्रतिशत मासिक किराया लेंगे।
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