प्रचार-प्रसार का जिम्मा ग्रामीणों को
भोपाल।मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत ग्रामीणों द्वारा महुए से बनाई जाने वाली हेरिटेज वाइन का पेटेंट किया जाएगा। पेटेंट के बाद मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्य महुए की शराब नहीं बना सकेंगे। साथ ही हेरिटेज वाइन स्कीम के तहत इसका ठेका ग्रामीण क्षेत्र में ही दिया जाएगा। ग्रामीण समुदाय को शराब बिक्री के लिए माइक्रो लाइसेंस दिया जाएगा। वहीं ग्रामीणों को अपने ग्राम क्षेत्र में शराब बनाने का प्लांट लगाना होगा।
गौरतलब है कि हेरिटेज पॉलिसी के तहत ग्रामीणों को निश्चित मात्रा में महुआ शराब बनाने की अनुमति दी गई है। राज्य सरकार महुआ शराब को पूरे देशभर में प्रचारित करेगी। इसके प्रचार-प्रसार का जिम्मा भी ग्रामीणों को सौंपा जाएगा। माना जा रहा है कि हेरिटेज वाइन स्कीम से सरकार को राजस्व में सालाना 300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का मुनाफा हो सकता है।
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