• img-fluid

    17 लाख का फटका पड़ा शराब ठेकेदार को, भर दिया था गलत टेंडर

  • March 11, 2022

    नई आबकारी नीति फ्लॉप साबित, चार बार टेंडर निकालने के बाद मात्र आधी 32 दुकानें ही हो सकी अब तक नीलाम

    इंदौर। शासन की नई आबकारी नीति (new excise policy) इंदौर (Indore) सहित अधिकांश जिलों में अभी तक फ्लॉप साबित हुई है। इंदौर (Indore) में ही 64 समूह में बांटी गई देशी-विदेशी दुकानों की 50 फीसदी ही नीलामी 4 बार टेंडर निकालने के बाद हो सकी है। कल भी मात्र पीथमपुर (Pithampur) चौपाटी समूह में ही दो टेंडर प्राप्त हुए, जो कि लगभग सवा 10 करोड़ रुपए की राशि के रहे। 32 दुकानें अभी लगभग 750 करोड़ रुपए मूल्य बची है। वहीं हातोद समूह का टेंडर 9 की बजाय 50 करोड़ का ठेकेदार ने गलती से भर दिया, जिसके चलते उसकी 17 लाख रुपए की राशि जब्त कर ली गई।


    आबकारी विभाग (Excise Department) की गलती वाली दलील को नहीं स्वीकारा और भरे हुए टेंडर के मुताबिक ही राशि जमा करने को कहा अन्यथा सुरक्षानिधि के 17 लाख रुपए जब्त ही कर लिए। इसकी पुष्टि सहायक आयुक्त आबकारी राजनारायण सोनी ने भी की। उन्होंने बताया कि अभी तक 32 दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया हो चुकी है, जिससे 650 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होगा। वहीं अभी इतनी ही दुकानों के समूह नीलामी से बच गए हैं, जिसमें लगभग 750 करोड़ रुपए की आरक्षित मूल्य की दुकानें शामिल है। कल चौथी बार बुलाए टेंडर में एक समूह पीथमपुर चौपाटी के लिए दो  टेंडर प्राप्त हुए,  जो कि आरक्षित मूल्य सवा 10 करोड़ रुपए से 10-12 लाख रुपए अधिक के मिले हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार इंदौर जिले की शराब दुकानों को 64 समूह में बांटा गया। देशी-विदेशी 175 शराब की दुकानें हैं, जिन्हें नई आबकारी नीति के तहत ई-टेंडर के जरिए नीलाम किया जा रहा है। 1350 करोड़ रुपए इन शराब दुकानों का आरक्षित मूल्य तय किया गया है, लेकिन अभी तक इससे लगभग आधी राशि की ही दुकानें बिक सकी हैं। हालांकि आबकारी विभाग (Excise Department) को उम्मीद है कि अभी चूंकि 31 मार्च तक का समय शेष बची दुकानों की नीलामी के लिए बचा है और आबकारी मुख्यालय भी इन दुकानों के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करेगा।

    Share:

    ये हैं बॉलीवुड की सबसे जालिम सास, इनकी एक्टिंग की आज तक दी जाती है मिसाल

    Fri Mar 11 , 2022
    मुंबई। बॉलीवुड में जितना रोल एक हीरो या हिरोइन का है उतना ही दमदार रोल किसी विलेन का भी होता है। सोचिए कि अगर 60, 70 और 80 के दशक की फिल्मों में विलेन न होते तो फिल्में कितनी बोरिंग हो जातीं। दरअसल नायक-नायिकाओं की अच्छी खासी स्टोरी में ट्विस्ट तो खलनायक को ही लाना […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved