भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने बुधवार को कहा कि किसी सरकार द्वारा मदिरा पर प्रतिबंध लगाने भर से हकीकत की जमीन पर शराबबंदी नहीं हो सकती और समाज में शराब पीने की प्रवृत्ति को समाप्त करने के लिए नशामुक्ति अभियान चलाया जाना चाहिए.
सीएम शिवराज ने इंदौर में गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) समारोह में कहा,‘केवल शराबबंदी करने से लोगों द्वारा शराब का उपभोग बंद नहीं हो सकता. समाज में शराब तब तक बंद नहीं हो सकती, जब तक हम शराब पीने की प्रवृत्ति को ही समाप्त न कर दें.’
मुख्यमंत्री ने राज्य में नशामुक्ति अभियान चलाए जाने की अपील करते हुए कहा है कि हमें अपने गांवों और शहरों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाने के प्रयास प्रारंभ करने होंगे ताकि धीरे-धीरे समूचा प्रदेश नशे से मुक्त होने की राह पर आगे बढ़ सके. गौरतलब है कि चौहान ने नशामुक्ति अभियान पर ऐसे वक्त जोर दिया है, जब उनकी सरकार की नयी आबकारी नीति को लेकर विपक्षी कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ लगातार तीखे हमले कर रही है.
नई आबकारी नीति में शराब 20 प्रतिशत सस्ती
अधिकारियों ने बताया कि सूबे की नई आबकारी नीति में शराब 20 प्रतिशत सस्ती किए जाने का निर्णय किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक इस नीति में राज्य के सभी हवाई अड्डों और चार बड़े शहरों के चुनिंदा सुपर बाजारों में शराब बिक्री की अनुमति देने और एक करोड़ रुपये या इससे अधिक की सालाना आय वाले लोगों को घरों में बार बनाने के लाइसेंस जारी करने को भी मंजूरी दी गई है.
मुख्यमंत्री ने इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में तिरंगा फहराकर रस्मी परेड की सलामी ली. उन्होंने इस समारोह में यह भी कहा कि सूबे में औद्योगीकरण और स्वरोजगार को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है और राज्य सरकार ने हर महीने आजीविका के कम से कम दो लाख नए अवसर पैदा करने का लक्ष्य तय किया है.
एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी
सीएम चौहान ने कहा,‘पिछले साल से लेकर अब तक हमने 44,000 सरकारी पदों पर भर्ती की है. हमारा भर्ती अभियान जारी है तथा अगले साल तक एक लाख सरकारी नौकरियां और दी जाएंगी.’ मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही नई स्टार्ट-अप नीति लाने वाली है ताकि कारोबार के क्षेत्र में युवाओं के नवाचार के विचारों को अमली जामा पहनाने के लिए धन का इंतजाम किया जा सके. उन्होंने कहा,‘मैं चाहता हूं कि इंदौर देश की स्टार्ट-अप राजधानी बने.’
मुख्यमंत्री ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान सूबे में 38,000 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आया है और कई अन्य उद्योग लगाए जाने पर काम जारी है. सीएम ने बताया कि राज्य सरकार ने तय किया है कि अगले अकादमिक सत्र से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में भी कराई जाएगी ताकि अंग्रेजी न जानने वाले प्रतिभावान विद्यार्थी भी डॉक्टर तथा इंजीनियर बन कर जीवन में आगे बढ़ सकें.
‘स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी धारा को भुला दिया गया’
उन्होंने यह घोषणा भी की कि राज्य सरकार ‘समरस गांव अभियान’ शुरू करेगी जिसके तहत ग्रामीणों के आपसी मतभेद आपस में बातचीत कर सुलझाने पर बल दिया जाएगा. सीएम ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में कई क्रांतिकारियों और शहीदों के योगदान की अनदेखी की है. उन्होंने कहा,‘देश को बताया कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने हमें आजादी दिलाई. मैं स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के योगदान को अस्वीकार नहीं करता, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी धारा को भुला दिया गया और अनेक अमर शहीदों की स्मृतियों को संजोकर नहीं रखा गया.’
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