चंडीगढ़: पंजाब अगले माह से शराब 20 फीसदी तक सस्ती हो सकती है. बताया जा रहा है कि सरकार ने अपनी नई एक्साइज पॉलिसी तैयार कर ली है. इस पॉलिसी को आज मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल सकती है. सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को पड़ोसी राज्यों चंडीगढ़, हरियाणा व राजस्थान से होने वाली शराब की तस्करी को रोकने के उद्देश्य से तैयार किया है.
इसके अलावा तस्करी को रोकने के लिए सरकार ने एक विशेष दस्ता भी तैयार करने की योजना तैयार की है. मंदी से गुजर रही सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए राज्य में शराब के कारोबार से करीब 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान और पिछली सरकार के समय यह राजस्व करीब 65 सौ करोड़ रुपये का था.
आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पूर्व कहा था कि गलत आबकारी नीति से राज्य को नुकसान उठाना पड़ा है. राज्य में अभी तक सरकार शराब के ठेकों को बोली और लॉटरी के जरिए अलॉट करती थी, लेकिन आप सरकार ने इस प्रथा को समाप्त करने का फैसला लिया है और ठेकों का टेंडर के माध्यम से अलॉट करने की योजना तैयार की है. सूत्रों का कहना है कि सरकार टेंडर करवाने से पहले हर शराब के ठेके की एक कीमत निर्धारित करेगी जो भी सबसे अधिक कीमत टेंडर में भरेगा उसे ठेका अलॉट कर दिया जाएगा.
117 विधानसभा क्षेत्रों के होंगे टेंडर
सूत्रों के मुताबिक इस बार शराब के ठेकों के टेंडर विधानसभा वार होंगे. करीब 117 शराब के टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे. यह शराब के बड़े ठेकेदारों के एकाधिकार को खत्म करने के लिए किया जा रहा है. सरकार को उम्मीद है कि ऐसा करने से राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. नई पॉलिसी में शराब और बीयर का कोटा भी खत्म करने करने की बात की जा रही है. शराब के ठेकेदार जितनी चाहे उतनी शराब और बीयर स्टॉक कर सकेंगे. नई पॉलिसी में शराब से रेवेन्यू बढ़ाने के लिए प्रदेश में आधा दर्जन नई डिस्टलरीज भी खोलने की योजना तैयार कर रही है. सरकार का मानना हे कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ में राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
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