उज्जैन। डेंगू के खतरे के बीच शहर में लगातार वायरल फीवर और टायफाइड के मरीज भी रोज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड फुल हो गए है। वहीं निजी अस्पतालों में भी बेड तो दूर टोकन के लिए लोगों को कतार में लगना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ महीने से पूरा शहर वायरल फीवर और डेंगू समेत अन्य बीमारियों से जूझ रहा है। एक और डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी और वायरल फीवर, टायफाइड और अन्य मौसमी बीमारियां शहर के लोगों को लगातार अपनी चपेट में ले रही है। डेंगू के मामले भी अब शहर में 200 के लगभग हो गए है। सरकारी आंकड़ों में अभी यह 139 बताए जा रहे हैं। जबकि 50 से ज्यादा मरीज तो आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में ही डेंगू का उपचार करा रहे हैं।
मलेरिया विभाग को प्रायवेट अस्पतालों से अपने यहां भर्ती डेंगू मरीजों की जानकारी नहीं भेजी जा रही। इधर जिला अस्पताल, चरक अस्पताल से लेकर माधव नगर अस्पताल में डेंगू के साथ साथ वायरल और टायफाइड के मरीजों की भरमार है। तीनों जगह मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। सरकारी के साथ साथ निजी अस्पतालों में भी वायरल फीवर और टायफाइड मरीजों की भरमार है। फ्रीगंज क्षेत्र के कई निजी अस्पतालों में हालत यह है कि बुखार पीडि़तों के परिजनों को डॉक्टर को मरीज को दिखाने के लिए ही टोकन के लिए सुबह से घंटों कतार में लगना पड़ रहा है। टोकन मिलने के बाद ही लोग डॉक्टरों से परामर्श ले पा रहे हैं तथा मरीजों का उपचार शुरू करवा पा रहे हंैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी इस तरह की बीमारियों के मरीजों की संख्या रोजाना 150 से 200 तक जा रही है। डॉ. जितेन्द्र शर्मा के अनुसार सभी का बीमारी के अनुरूप उपचार किया जा रहा है।
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