घरों में इलाज करवाने वालों को नहीं मिल रहे हैं सिलेंडर
इंदौर। एक ओर तो स्वास्थ्य विभाग (health departments) कह रहा है कि जिन लोगों को माइल्ड इन्फेक्शन (mild infections) हैं, वे घर में आइसोलेट होकर अपना इलाज करवाएं, लेकिन इलाज के दौरान अगर ऑक्सीजन (Oxygen) की समस्या उत्पन्न हो रही है तो मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinders) नहीं मिल रहे हैं।
ऑक्सीजन (Oxygen) को लेकर राहतभरी खबरें आ रही हैं, लेकिन होम आइसोलेट मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। कल इंदौर में जामनगर से ऑक्सीजन (Oxygen) का टैंकर तो आया, लेकिन प्रशासन ने पहली प्राथमिकता अस्पतालों (hospitals) को ऑक्सीजन देने की रखी है। शहर में जिन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई होता है, वहां एसडीएम स्तर के अधिकारी की ड्यूटी लगा दी गई है, ताकि ऑक्सीजन की कालाबाजारी न हो और इसका पूरा हिसाब रखा जा सके। कलेक्टर मनीष सिंह ने भी सभी अधिकारियों से कहा है कि सिलेंडर प्राथमिकता के तौर पर अस्पतालों को उपलब्ध कराए जाएं, ताकि मरीजों को वहां किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए। इसके कारण उन मरीजों को फजीहत हो रही है जो होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहे हैं। दरअसल माइल्ड इन्फेक्शन और एसिप्टोमेटिक मरीजों को अगर अस्पताल में इलाज की जरूरत नहीं है तो उनका घर में ही इलाज किया जा रहा है, लेकिन कभी-कभी मरीज का ऑक्सीजन सिचुरेशन लेबल नीचे चला जाता है तो उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और उसके लिए सिलेंडर की, लेकिन सिलेंडर उपलब्ध नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं। आज भी सुबह ऑक्सीजन के लिए प्लांट पर लंबी-लंबी लाइन देखी गई और लोग अपने मरीजों के लिए सिलेंडर भरने की गुहार लगाते देखे गए।
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