लखनऊ । सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने कहा कि ‘जीरो टॉलरेंस’ की तरह ही (Like ‘Zero Tolerance’) ‘जीरो पावर्टी’भी भाजपा का जुमला साबित होगा (‘Zero Poverty’ will also prove to be BJP’s Jumla) । यूपी में ‘जीरो पावर्टी’ कार्यक्रम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर चलाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐलान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए उक्त बात कही ।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि ज़ीरो होने से पहले हर तरफ़ ज़ीरो नज़र आ रहा है। जैसे इनका ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ ज़ीरो हो गया, वैसे ही ‘जीरो पावर्टी’ भी भाजपा का जुमला होगा। हमारे देश की महान परंपरा ने ‘ज़ीरो’ गणित के लिए दिया था, जनता के बीच झूठ बांटने के लिए नहीं। पावर्टी या कहें गरीबी कामों से जाती है, बातों से नहीं और काम में भाजपा सरकार जीरो है। ये जाते-जाते सब कुछ शून्य करके जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपाई ‘अंबेडकर गांव’ और ‘लोहिया गांव’ जैसी पुरानी योजनाओं का नाम बदलकर नए तरह से पेश करने का अपना परंपरागत छलावा कर सकते हैं और कुछ नहीं। भाजपाई नया वादा करने से पहले 15 लाख खातों में भिजवा दें और गोद लिए गांव की बदहाली भी जाकर देख लें और पहले हर किसी को घर और हर घर में जल जैसे झूठे वादों पर कई परतों तक जमा हो चुकी धूल को झाड़ें। कम-से-कम ग़रीबों से तो झूठ न बोलें।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि मध्य प्रदेश के नीमच में एक मंदिर में विश्राम कर रहे अल्पसंख्यक जैन समाज के मुनियों पर हिंसक हमला घोर निंदनीय है। इस मामले की गहरी जांच हो, न कि दिखावटी कार्रवाई और इस दुर्भावनापूर्ण कुकृत्य के पीछे की असली मंशा जगजाहिर हो कि शांतिपूर्ण जैन समाज के आदरणीय-सम्माननीय मुनियों के ऊपर ये घातक हमला क्यों हुआ और सब कुछ त्याग चुके इन मुनियों से भला किसको क्या हासिल होना था।
उन्होंने कहा कि ऐसी हिंसक वारदातों से एक पंथनिरपेक्ष देश के अंदर अल्पसंख्यक समुदाय में भय का वातावरण बनता है और वो असुरक्षित महसूस करता है। इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है और एक उद्यमशील, शांतिप्रिय, अहिंसक, शिक्षित समाज-समुदाय हतोत्साहित होता है, जिसका देश के सामाजिक ताने बाने और चतुर्दिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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