गत वर्ष 1100 करोड़ का था, इस बार तीन से चार गुना तक बढ़ाने की तैयारी, 29 गांवों के साथ बिजलपुर के वार्डों के लिए अलग सेल बनाने का भी फिर किया दावा
इन्दौर। ये चुनावी साल (Election Year) है, जिसके चलते जहां शासन एक के बाद एक लोक लुभावनी घोषणाओं में जुटा है तो उससे जुड़े नगरीय निकाय (Civic bodies) और प्राधिकरणों के बजट में भी इसका असर दिखेगा। निगम के बजट की भी तैयारी चल रही है और जनप्रतिनिधियों से मिल रहे सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा, वहीं निगम सीमा शामिल 29 गांवों के साथ बिजलपुर के वार्डों के विकास कार्यों हेतु अलग से बनाने का दावा किया गया तो दूसरी तरफ मास्टर प्लान की क्रियान्वयन एजेंसी इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा भी अपने सालाना बजट की तैयारी की जा रही है। गत वर्ष 1100 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था। इस बार इसका आकार तीन से चार गुना तक बढ़ सकता है। नए ओवरब्रिजों, सडक़ों, टीपीएस में विकास कार्यों के अलावा नई योजनाओं का भी समावेश इस बजट में होगा।
प्राधिकरण द्वारा अभी टीपीएस (TPS) के तहत मंजूर लगभग आधा दर्जनों योजनाओं पर अमल किया जा रहा है। इनमें से पांच टीपीएस योजनाओं पर लगभग 500 करोड़ के विकास कार्य किए जाना है, वहीं पूर्व से तय किए गए फ्लायओवरों के अलावा डबल डेकर, एलिवेटेड ब्रिजों के साथ-साथ मास्टर प्लान की प्रमुख सडक़ों और अधूरे मेजर रोड भी बनाए जाएंगे। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा (Authority President Jaipal Singh Chavda) का कहना है कि प्राधिकरण ही मास्टर प्लानिंग की क्रियान्वयन एजेंसी है, लिहाजा उसके मुताबिक इन्दौर विकास की योजनाओं पर अमल किया जा रहा है। प्राधिकरण का बजट भी इस महीने प्रस्तुत कर बोर्ड से मंजूर हो जाएगा, वहीं पिछले बजट में भी की गई अधिकांश घोषणाओं को मूर्तरूप देने की शुरूआत भी हो गई है, जिसमें चार ओवरब्रिजों का तो काम शुरू हो गया है, वहीं अन्य टेंडर प्रक्रिया में हैं तो शासन से स्वीकृत टीपीएस योजनाओं में भी विकास कार्य शुरू किए जा रहे हैं। प्राधिकरण की सम्पत्तियों की बिक्री भी अच्छी रही है। वहीं इस साल निम्न और मध्यमवर्गीय परिवारंों के लिए छोटे और सस्ते भूखंड उपलब्ध कराने की नई योजनाएं भी लाई जाएगी। दूसरी तरफ कल महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने निगम के अभी आने वाले बजट के संबंध में जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिए, जिमसें मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, प्राधिकरण उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला सहित सभी विधायक और महापौर परिषद सदस्य व निगम अधिकारी मौजूद रहे। महापौर श्री भार्गव के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन अमृत योजना, जल यंत्रालय, विद्युत विभाग सहित अन्य विभागों के संबंध में सुझाव तो मिले ही, वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश के तहत इन्दौर को सौलर सिटी और डिजीटल सिटी के रूप में भी विकसित करने पर चर्चा हुई। निगम सीमा में शामिल 29 गांवों और बिजलपुर के वार्डों के विकास के संबंध में भी पूर्व में महापौर परिषद में चर्चा हो चुकी है। लिहाजा निगम के इस वित्त वर्ष के बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा और एक अलग सेल बनेगा, जिसमे निर्माण कार्यों, सीवरेज सहित अन्य बजट प्रावधान शेष वार्डों की तुलना में ज्यादा ही रहेगें।
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