गुना: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि महाराष्ट्र की तरह एमपी में भी बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री और शिवराज सिंह चौहान को उनका उप-मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था. सोमवार को गुना जिले के दौरे पर आए पूर्व सीएम सिंह ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस को उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि यही बात बीजेपी के दोहरे चरित्र को दिखाती है.
एमपी में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बीजेपी से जुड़ने के लिए कांग्रेस छोड़ी, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. जबकि, महाराष्ट्र में जो इस पद का मुख्य दावेदार था, उसे उप- मुख्यमंत्री बना दिया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यहां कहा कि जिला और जनपद के चुनाव में लोगों ने करोड़ों रुपए खर्च किए. यह जनता का पैसा था. बीजेपी ने कभी आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया. लोगों ने कांग्रेस से पूरा लाभ लिया, लेकिन बीजेपी में चले गए.
बीजेपी, कांग्रेस से गए नेताओं की हालत ऐसी कर देती है जैसे नींबू से रस निचोड़ दिया हो. बमोरी क्षेत्र के धनोरिया गांव में आदिवासी महिला को जिंदा जलाने के मामले में दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार को पीड़ित महिला का इलाज कराना चाहिए और जो गुनहगार हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाए. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर में दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ट्विटर पर नहीं जनता के बीच में जाकर सेवा करती है और मैं खुद पीड़ित महिला से हमीदिया अस्पताल में मिलकर आया हूं.
दिग्विजय सिंह को लगा झटका
गौरतलब है कि यहां कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा. दिग्विजय सिंह के करीबी अमित चौहान ने 1500 कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी जॉइन कर ली. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के राघोगढ़ किले में एक बार फिर बीजेपी ने बड़ी संख्या में कांग्रेसियों को सदस्यता दिलाई. गुना की जिला पंचायत के वार्ड-8 से रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले अमित चौहान ने प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, बीजेपी के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिकरवार और बीजेपी जिला उपाध्यक्ष हीरेन्द्र सिंह चौहान की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
अमित चौहान पूर्व विधायक स्व मूलसिंह के भतीजे हैं व पूरी राघोगढ़ विधानसभा में युवाओं के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. उन्होंने अपने साथ आधा दर्जन नवनिर्वाचित सरपंचों सहित लगभग डेढ़ हजार कांग्रेसियों के साथ भाजपा की सदस्यता दिलाई. इस पूरे घटनाक्रम को कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए करारे झटके के रूप में देखा जा रहा है. इसके कारण उनके बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुश्किलें हो सकती हैं.
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