भोपाल। प्रदेश में लंबे समय से बंद पड़े मिल मजदूरों को राहत मिलने जा रही है। इसकी शुरूआत इंदौर के हुकुम चंद मिल मजदूरों से हो रही है। कल इंदौर के कनकेश्वरी धाम में आयोजित कार्यक्रम में हुकुमचंद मिल के मजूदरों को जहां 30 साल से बाकी देनदारियों का भुगतान किया जाएगा, वहीं हुकुमचंद मिल को मॉडल बनाकर प्रदेश के अन्य 11 मिल मजदूरों की देनदारियों लौटाने का भी रास्ता तलाशा जाएगा। इनमें ग्वालियर की जेसी मिल, उज्जैन की श्री सिंथेटिक और सोयाबीन मिल भी शामिल हैं।
प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर समेत अन्य शहरों में तीन दशक पहले संचालित मिल मजदूरों की देनदारियां अभी तक फंसी हुई हैं। सभी के मामले न्यायालय में पहुंचे। उच्च न्यायालय ने इंदौर के हुकुमचंद मिल के मजदूरों की देनदारियां लौटाने का फैसला दिया था। इसके बाद राज्य शासन ने मजदूरों का पैसा कोर्ट में जमा करा दिया है। अब कल सुशासन दिवस और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को हुकुमचंद मिल मजदूरों का पैसा उनके खातों में पहुंचेगा, वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हंै कि इसी आधार पर अन्य बंद पड़ीं मिल मजदूरों का पैसा भी जल्द लौटाया जाएगा। इसके लिए अगली बैठक में पूरी जानकारी बुलाई है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 श्रमिकों से जुड़े परिवारों के लगभग 25 हजार लोगों को को यह राशि सीधे मिले, इसकी व्यवस्था तय करें।
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