भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने सोमवार को ग्वालियर (Gwalior) प्रवास के दौरान बंद पड़ी हुई जेसी मिल को देखने पहुंचे, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ मिलकर जेसी मिल का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जिन चार वर्ग गरीब, किसान, महिला और युवा के बारे में बताया है, हमारी सरकार इन्हीं चार वर्गों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान पर रखेगी. हमने ये तय किया था कि हमारा निर्णय मजदूरों के हित में होना चाहिए. हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं. युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए कॉन्क्लेव कर रही है, गरीबों और महिलाओं को रोजगार देने के लिए नए-नए उद्योग को लगाना हमारी प्राथमिकता है.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉ. मोहन यादव ने बताया कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि जो उद्योग कुछ कारणों से कई सालों से बंद है और मजदूरों की देनदारियां लंबित है, ऐसे में हमारी सरकार ने मजदूरों की देनदारियों को चुकाने का निर्णय लिया है. इन्हें लंबे समय तक लंबित नहीं रखा जा सकता है और मजदूरों को रास्ते में नहीं छोड़ा जा सकता है. जेसी मिल के मजदूर आशा लगाए बैठे हैं कि इस मिल को सरकार चालू करें. सरकार मिल की जमीन का इस्तेमाल विकास के लिए करेगी.
जेसी मिल के मजदूरों की लंबे अरसे से देनदारी लंबित है. इस मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही मजदूरों की बकाया देनदारी चुकाई जाएगी. न्यायालय ने 1988 में जेसी मिल को आधिकारिक तौर पर बंद घोषित किया था. उस समय 8037 कर्मचारी मिल में कार्यरत थे. 6 हजार कर्मचारियों की 135 करोड़ की देनदारी बकाया है. 500 से ज्यादा मजदूरों ने भुगतान के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
राज्य में बंद पड़ी मिलों के मजदूरों के हितों में सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद हुकुमचंद मिल को लेकर सरकार निर्णय ले सकती है. अब सज्जन मिल के संदर्भ में भी जल्द ही निर्णय किया जाएगा. इस तरह से अन्य मिलों के मामले में भी निर्णय लिया जाएगा.
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