भोपाल। आज से करीब 23 साल पहले जिस तरह सुभाष यादव ने नर्मदा नदी के किनारे खलघाट पर लाखों किसानों को एकत्रित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपनी ताकत का अहसास कराया था, उसी तर्ज पर अब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव और उनके भाई व पूर्व मंत्री सचिन यादव कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। इसका लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा लगातार उपेक्षित किए जाने के बाद अब अरूण यादव कुछ ऐसा करना चाहते हैं कि पार्टी को उनकी राजनीतिक ताकत का अहसास हो सके।
सोशल मीडिया पर चलो खलघाट अभियान
सुभाष यादव ने भी करीब 23 साल पहले नर्मदा नदी के किनारे खलघाट पर लाखों किसानों को एकत्रित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपनी ताकत का अहसास कराया था। उस वक्त सुभाष यादव किसानों की मांगों को लेकर यहां पर अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। अब अरुण यादव और सचिन यादव भी अपने पिता की तर्ज पर पार्टी के आला नेताओं को वही ताकत दिखाना चाहते हैं। इसके लिए यादव बंधुओं के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर चलो खलघाट अभियान चलाया है। सचिन यादव ने ट्वीट पर एक पोस्टर अपलोड किया है। जिसमें दोनों भाईयों के साथ उनके पिता की फोटो हैं, इस पर लिखा है चलो खलघाट। इस आयोजन के जरिए वे न सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी मुकुल वासनिक को अपनी ताकत का अहसास करवाएंगे।
यादवी ताकत का कराएंगे अहसास
सूत्रों की माने तो अरूण यादव कांग्रेस को यह दिखाना चाहते हैं की उनकी उपेक्षा पार्टी को कितना भारी पड़ेगी। गौरतलब है कि खंडवा उपचुनाव में अरुण यादव को चुनाव नहीं लड़ाने का मन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बना चुके थे। इसके चलते ही अरुण यादव ने उपचुनाव नहीं लडऩे का ऐलान किया था। अब अरुण यादव अपने भाई सचिन यादव के साथ मिलकर पार्टी के नेताओं को यह दिखाना चाहते हैं निमाड़ में उनसे बड़ा कोई नेता नहीं हैं। साथ ही कांग्रेस में यादवों को एकत्रित करने का माद्दा अरुण और सचिन यादव में ही है। इसलिए इस आयोजन को लेकर अरुण यादव के समर्थक इन दिनों पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं। अरुण यादव के समर्थकों का जोर आयोजन में यादवों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लाने पर है।
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