- बड़ी संख्या में दोपहर में होने वाली भस्मारती के दर्शन करने वाले श्रद्धालु परेशान होते रहे-अधिकारी एवं वीआईपी लोग सबसे पहले नंदी हाल में परिवार सहित जम गए
उज्जैन। हर साल की तरह आज सुबह भी दोपहर में होने वाली भस्मारती के पहले सभी प्रवेश द्वारों पर आम लोगों को धकेला गया और धक्कामुक्की हुई तथा 10 बजे से ही सभी गेटों पर ताले लटका दिए गए थे। पूर्व के वर्षों की तरह नंदी हाल में पुलिस प्रशासन एवं अन्य वीआईपी के परिवार जाकर बैठ गए थे। आम जनता इधर से उधर भटक रही थी। हर वर्ष दोपहर में 1 बार होने वाली भस्मारती के पूर्व यही अराजकता रहती है।
उल्लेखनीय है कि शिव नवरात्रि के तहत नौ दिनों तक भगवान महाकाल को दूल्हा बनाया जाता है। इसके बाद महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल का सेहरा सजाया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व शिव पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है। आज शनिवार दोपहर 12 बजे भगवान महाकाल की भस्म आरती हुई। भस्मारती को देखने के लिए दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे। पं. आशीष पुजारी के मुताबिक भगवान महाकाल का महाशिवरात्रि पर्व पर सेहरा सजाया गया। प्रात: काल सेहरे के दर्शन होते हैं। परंपरानुसार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भस्म आरती दोपहर में संपन्न कराई जाती है। भगवान महाकाल को भस्म आरती के पूर्व दूध, दही, घी, फलों का रस के साथ स्नान कराया गया। इसके बाद भगवान का सूखे मेवे और भांग से आकर्षक श्रृंगार किया गया। श्रृंगार होने के बाद महानिवार्णी अखाड़े के महंत विनीत गिरी के द्वारा भस्मआरती की गई। भस्मारती के उपरांत एक बार फिर 2.30 बजे से भगवान महाकाल के दर्शनों का सिलसिला शुरु हो जाएगा। आज रात शयन आरती के बाद मंदिर के पट होंगे। सुबह 11 बजे से लगाना शुरु किया गया था। इन्हें भी सुबह 11.30 बजे बाद ही प्रवेश दिया गया। इतना ही नहीं यहां भी जिन लोगों के पास परमिशन के पास थे उन्हें भी आधार कार्ड देखने के बाद ही कतार में लगने दिया जा रहा था।
10 बजे से पहले आम श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका, गेट बंद किए
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन तड़के से ही सेहरा दर्शन का क्रम शुरु हो गया था। आम श्रद्धालुओं को नई टनल से होकर सेहरा दर्शन के लिए प्रवेश दिया जा रहा था, लेकिन सुबह 9.30 बजे के बाद प्रवेश रोक दिया गया। इतना ही नहीं भारत माता मंदिर की ओर से बने प्रवेश द्वार पर भी बेरिकेट्स लगा दिए गए थे। इसके अलावा मंदिर प्रशासक कार्यालय के सामने से होकर अवंतिका द्वार की ओर जाने वाले मार्ग पर भी बेरिकेट्स लगाकर रास्ता रोक दिया गया था। बड़ा गणेश मंदिर के सामने गेट नं. 4 पर भी ताले लगा दिए गए थे। सुबह 10 बजे तक करीब-करीब सभी प्रवेश द्वारों पर बेरिकेट्स लगाकर प्रवेश रोक दिया गया था। चारधाम की ओर से प्रवेश द्वार को भी इसी तरह बंद कर दिया गया था। यहां जिन लोगों के पास भस्मारती दर्शन की परमिशन थी उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था और लोग भटक रहे थे।