नई दिल्ली: दुनिया की चाहे कोई भी फील्ड हो, हर कोई एक-दूसरे आगे निकलना चाहता है. यह बात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए भी फिट बैठती है. टेक सेक्टर के दो दिग्गज, यानी X (पहले ट्विटर) के मालिक एलन मस्क और फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग एक-दूसरे को पछाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पिछले दिनों एलन मस्क की कंपनी Neuralink ने एक शख्स के दिमाग में ब्रेन चिप लगाई थी. पूरी दुनिया में इस चिप की चर्चा हुई. अब मार्क जुकरबर्ग ने भी बड़ा प्लान बनाया है. आइए देखें कि उनके दिमाग में क्या खुराफात चल रही है?
Neuralink एक स्टार्टअप है जिसे एलन मस्क ने 2016 में शुरू किया था. इसका ब्रेन चिप एक सिक्के के जितना डिवाइस है जो इंसान की खोपड़ी में लगाया जाता है. बहुत महीन तारों के जरिए इसे ब्रेन से कनेक्ट किया जाता है. ये चिप ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) बनाती है.
Neuralink ब्रेन चिप का काम
एलन मस्क ने इस ब्रेन चिप को खास मकसद के लिए बनाया है. इसके जरिए इंसान अपनी सोच के हिसाब से स्मार्टफोन, लैपटॉप जैसे डिवाइस को कंट्रोल कर सकता है. यह टेक्नोलॉजी ब्लूटूथ कनेक्शन के साथ काम करती है. इसके पहले प्रोडक्ट का नाम Telepathy है. दूसरी तरफ, मार्क जुकरबर्ग 6 लाख चिप के साथ कुछ अलग ही करने की फिराक में हैं.
ये टेक्नोलॉजी बनाएंगे मार्क जुकरबर्ग
मार्क जुकरबर्ग ने ऐलान किया कि वो एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जो अभी तक हकीकत नहीं बनी है. इस टेक्नोलॉजी का नाम आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) है. आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का नाम तो सुना होगा, हो सकता है आपने AI को यूज भी किया हो. अगर AGI सच में डेवलप हो गया तो ये AI से भी पावरफुल होगा.
6 लाख चिप से हकीकत बनेगा AGI
AGI पर दुनिया भर में रिसर्च चल रही है. मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि AGI बनाने के लिए FAIR और GenAI टीमों को एक साथ लाकर काम किया जाएगा. नई तकनीक से सभी को फायदा मिलेगा. फिलहाल कंपनी नेक्स्ट जेनरेशन मॉडल Llama 3 की ट्रेनिंग कर रही है. जुकरबर्ग ने कहा कि इस साल तक AGI के लिए 3.50 लाख चिप्स उपलब्ध कराए जाएंगे.
कुल मिलाकर 6 लाख चिप्स के जरिए AGI को डेवलप किया जाएगा. आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) का मतलब है कि यह बिल्कुल इंसानी दिमाग की तरह काम करेगा. यह एक इंसान की तरह सोचेगा, समझेगा और उसके अनुसार काम करेगा. इसमें इंसानों की तरह कॉमन सेंस होगा. इसलिए, दुनिया भर के कई टेक एक्सपर्ट्स ने एजीआई को लेकर चिंता व्यक्त की है.
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