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    शहरों की तरह अब गांवों में बिना अनुमति नहीं बनवा पाएंगे घर

  • March 02, 2023

    • पंचायत से लेनी होगी अनुमति, देनी पड़ेगी फीसड्डी

    भोपाल। शहरों की तरह अब मप्र के गांवों में भी मकान बनाना आसान नहीं होगा। शहरों, कस्बों की तरह अब गांवों में मकान बनाने के पहले ग्राम पंचायतों की परमिशन लेनी होगी। यही नहीं पुराने मकान की जगह नया निर्माण करने के लिए भी परमिशन लेनी होगी। अब ग्राम पंचायत से भवन अनुज्ञा लेनी होगी। इसके लिए पंचायत में निर्धारित दस्तावेज और शुल्क का भुगतान करना होगा। भवन अनुज्ञा जारी करने का अधिकार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी को होगा। मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए नियम जारी किए हैं। आम लोगों से 30 दिनों में इस फैसले पर दावे और आपत्तियां मांगी गई है। दावे आपत्तियों के निराकरण के बाद इसे लागू किया जाएगा।
    बिना अनुमति नहीं होगा निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों में भवन अनुज्ञा को अनिवार्य किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिना ग्राम पंचायत की अनुमति के भवन का निर्माण, पुन: निर्माण नहीं किया जा सकेगा। हालांकि 125 वर्ग मीटर यानी 1345 स्क्वायर फीट भूमि पर मिट्टी, गारे या स्थानीय सामग्री से बनने वाले मकानों के लिए भवन अनुज्ञा की जरूरत नहीं होगी। भवन निर्माण की अनुमति के लिए संबंधित व्यक्ति को निर्धारित दस्तावेज, मकान का नक्शा और निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। आवेदन जमा करने के 30 दिन के अंदर यदि ग्राम पंचायत इस पर विचार नहीं करती तो समझा जाएगा कि भवन अनुज्ञा जारी कर दी गई है।
    कोई भी नया मकान बनाने और रेनोवेशन के लिए पंचायत से परमिशन लेना जरुरी होगा। इसके लिए मकान मालिक को ग्राम पंचायत को लिखित में आवेदन करना होगा। इसमें भवन निर्माण की मूल योजना के साथ ले आउट प्लान, सर्विस प्लान के साथ जमीन के स्वामित्व के प्रमाण पत्र सहित सभी जानकारियां चार प्रतियों में देनी होगी। आवेदन के साथ निर्धारित फीस जमा न करने पर वह मान्य नहीं किया जाएगा। शुल्क की रसीद आवेदन के साथ लगानी होगी।



    …तो 30 दिन में स्वीकृत माना जाएगा आवेदन
    भवन अनुज्ञा के लिए निर्धारित शुल्क अदा कर आवेदन करने के बाद यदि ग्राम पंचायत 30 दिन के भीतर यदि उसकी जांच कर भवन अनुज्ञा नहीं देती है तो यह मान लिया जाएगा कि पंचायत की ओर से अनुज्ञा दे दी गई है। बहुमंजिला इमारत के निर्माण के लिए जिला समिति द्वारा गठित अभिव्यक्त अनुमति के साथ अनुज्ञा दी जाएगी।

    मकान में इन कामों के लिए परमिशन जरूरी नहीं
    खडकी, दरवाजे, रोशनदान को खोलने, बंद करने के लिए। इंटरनल गेट की व्यवस्था। पार्टीशन लगाने के लिए। फॉल्स सीलिंग लगाने के लिए। बागवानी। पुताई, चित्रकारी। खपरैल को दोबारा छाना, छत की मरम्मत। प्लास्टर करना और जुडाई का काम। दोबारा फर्शबंदी (रिफ्लोरिंग)। स्वयं की जमीन पर शेड बनाने के लिए। भूकम्प या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में नष्ट हुए भवन को पहले की तरह बनाने के लिए। किसी हाईवे, रोड या सार्वजनिक मार्ग के मैंटेनेंस, रिपेयरिंग के लिए। नाली, सीवेज लाइन, मुख्य नाली, पाइप केबिल, टेलीफोन लाईन के निरीक्षण, मरम्मत या नवीनीकरण के लिए सड़क या जमीन को खोदना। हालांकि सड़क खोदने के पहले ग्राम पंचायत को सूचना देना जरूरी होगा। खुदाई के बाद जमीन, सड़क को पहले की स्थिति में रिस्टोरेशन का काम भी करना होगा।

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