नई दिल्ली: भारत (India) के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश (Bangladesh) की ही तरह एक और मुस्लिम देश में लोकतंत्र खतरे (Democracy is danger in Muslim countries) में है. दुनिया के तीसरे बड़े लोकतंत्र में जनता सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई और संसद में घुसने की कोशिश की. जनता के इस आंदोलन को तमाम सेलिब्रिटीज का भी साथ मिला और सोशल मीडिया में भी सरकार के खिलाफ हैशटैग ट्रेंड करने लगा.
दरअसल हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया की. गुरुवार को यहां चुनाव कानून में प्रस्तावित बदलावों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे राष्ट्रपति जोको जोकोवी विडोडो को और अधिक राजनीतिक शक्ति मिल सकती थी. गुरुवार को इंडोनेशिया के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए, राजधानी जकार्ता में हज़ारों लोगों की भीड़ ने संसद में घुसने की कोशिश की और संसद के बाहर लगे बाड़े को तोड़ दिया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट में आग लगा दी तो वहीं कुछ लोगों ने टायर भी चलाए, इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया.
जनता के गुस्से की वजह इंडोनेशिया की सरकार का वह प्रस्ताव था जिसे अदालत के फैसले को पटलने के लिए संसद में लाना चाहती थी. दरअसल इंडोनेशिया की सर्वोच्च संवैधानिक अदालत ने जनप्रतिनिधि कानून में बदलाव की कोशिशों को खारिज करते हुए चुनाव लड़ने की उम्र को न्यूनतम 30 साल बरकरार रखा था. वहीं राष्ट्रपति जोको जोकोवी विडोडो के बेटे की उम्र 29 साल है, वह अपने बेटे को राजनीति में लाना चाहते थे, लिहाजा उन्होंने इस जनप्रतिनिधि कानून में संसद के जरिए बदलाव करना चाहा लेकिन जनता के भारी विरोध के चलते उन्हें इस फैसले से पीछे हटना पड़ा.
उपसभापति सुफमी दासको अहमद ने जकार्ता में मीडिया से कहा कि संसद अपने अगले सत्र में विधेयक पर बहस जारी रखेगी. इसका मतलब है कि यह कानून इस साल के चुनाव या राष्ट्रपति जोको जोकोवी विडोडो के प्रशासन पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने अधिकतम दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं और अक्टूबर में पद छोड़ रहे हैं.
एक ओर जहां हजारों लोग सड़कों पर उतर आए तो वहीं सोशल मीडिया पर भी जोकोवी सरकार के कदम का विरोध देखने को मिला. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया के कई सेलिब्रिटीज ने भी #KawalPutusanMK का इस्तेमाल कर अपना विरोध जताया, और मांग की कि न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा जाए. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति जोकोवी पर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाया है, प्रदर्शनकारियों का मानना है कि वह अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए संवैधानिक न्यायालय के फैसले को संसद के जरिए पलटने की कोशिश कर रहे थे.हालांकि जनता के बढ़ते आक्रोश के बाद इंडोनेशिया ने अपने चुनाव कानून को बदलने की कोशिश को टाल दिया है.
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