उज्जैन। पिछले 48 घंटों से शहर में बदले मौसम के कारण मावठे की बारिश होती रही। इन दो दिनों में 12 मिमी मावठे की बरसात हो गई। मौसम में नमी और बादल छाए रहने के कारण कल दिन का तापमान भी 16 डिग्री हो गया था। आज जब मावठा रूका और धूप निकली तो शीतलहर चलने लगी और न्यूनतम तापमान गिरकर साढ़े 13 डिग्री पर आ गया।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में लगभग 72 घंटे पहले मानसून के एक साथ तीन सिस्टम सक्रिय हुए थे। इसका असर प्रदेश पर भी पड़ा था और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कई संभागों में तीन दिन मावठे की बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई थी। उज्जैन जिले तथा संभाग में इसका असर साफ दिखाई दिया। उज्जैन शहर में तो मंगलवार से ही बादल छा गए थे और धूप नहीं निकल पा रही थी। बुधवार और गुरुवार को दिन रात मावठे की बारिश होती रही। वेधशाला से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 48 घंटों में शहरी क्षेत्र में ही मावठे की 12 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इधर मौसम में परिवर्तन से पहले शहर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में दो गुना अंतर चल रहा था। मंगलवार को अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री था जबकि न्यूनतम तापमान 13.5 रहा था। परंतु मावठा शुरु होने के बाद अगले दिन यह घटकर क्रमश: 21 डिग्री और 15 डिग्री पर आ गया था। वहीं कल अधिकतम तापमान 16 डिग्री ही रह गया था और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री दर्ज हुआ था। दिन और रात के तापमान में कल एक डिग्री का अंतर रह गया था। हालांकि आज मौसम खुलने के बाद सुबह वेधशाला में न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री ही दर्ज हो पाया। इसमें और गिरावट आ गई। तीन दिन से रूकी हुई उत्तर पूर्वी सर्द हवा भी चलने लगी है। जानकारों का कहना है कि इसी के चलते अब रात के तापमान में और गिरावट आएगी और यह 10 डिग्री के आसपास पहुँच जाएगा।
कल दिनभर रहा सन्नाटे जैसा माहौल
दो दिन चली मावठे की बारिश के कारण कल सुबह से लेकर शाम तक बाजारों में आम दिनों की तरह चहल पहल दिखाई नहीं दी। कल गिरते पानी में वही लोग बाजारों में नजर आ रहे थे जिन्हें जरूरी काम थे। मावठे के कारण परेशानी यह रही कि लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहने या फिर बरसात से बचने के लिए रेनकोट। आज बारिश थमने के बाद ठंड बढ़ी है लेकिन लोगों को रेनकोट और छातों से मुक्ति मिल गई है।
अलाव जलना शुरु हुए, नगर निगम करे व्यवस्था
इधर शीतलहर शुरु होने के साथ-साथ तापमान में आई गिरावट के बाद आज कल से ज्यादा ठंड महसूस हो रही है। सुबह से शहर में कई स्थानों पर लोग अलाव तापते नजर आए। आमतौर पर बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल के आसपास तथा नदी के घाट और धार्मिक स्थलों के नजदीक छत्रीचौक तथा फ्रीगंज वाली मजदूर सराय पर नगर निगम अलाव जलवाता है। अभी तक नगर निगम ने इसकी शुरुआत नहीं की है। परंतु ठंड से बचने के लिए लोग स्वयं अलाव के लिए ईंधन जुटा रहे हैं और ठंड से बचने के प्रयास कर रहे हैं।
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