भोपाल। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बन रहे चक्रवात के कारण राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बिगडऩे के आसार बन रहे हैं। इसके तहत 11 दिसबंर से भोपाल सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाने के साथ ही बरसात का दौर शुरू होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला 15 दिसंबर तक जारी रह सकता है। इस दौरान न्यूनतम तापमान भी बढ़ेगा। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री दर्ज हुआ। जो सामान्य से चार डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री रिकार्ड हुआ। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में तापमान बढ़े हुए दर्ज हुए। मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान और अफगानिस्तान के बीच सक्रिय है। इसके 11 दिसंबर को उत्तर भारत पहुंचने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ऊपरी हवा के चक्रवात बने हुए हैं। अरब सागर में बने सिस्टम के कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। इसकी वजह से मप्र के वातावरण में नमी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस वजह से 11 दिसंबर से राजधानी सहित प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। 12 दिसंबर से पूर्वी मप्र में भी बारिश होने लगेगी। बारिश का सिलसिला 14-15 दिसंबर तक जारी रहने के आसार हैं। इस दौरान रात के तापमान बढ़े हुए रहेंगे। 17-18 दिसंबर को हवा का रुख उत्तरी होने पर ठंड बढऩे लगेगी।
इस कारण बादल छाए
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में पश्चिमोत्तर राजस्थान के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊँचाई तक सक्रिय है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभ मंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है। अद्यतन पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभ मंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में उत्तर में समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊँचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है। साउथ ईस्ट अरेबियन सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने और गुजरात की तरफ से नमी आने के कारण बादल छा गए हैं। इसी कारण बारिश की संभावना बढ़ गई है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved