हाउसिंग करेगा रिमूवल, निगम से मांगीं जेसीबी मशीनें सहित टीम, पुलिस फोर्स भी लगेगा, वर्षों से काबिज हैं अवैध दुकानें
हार गए सुप्रीम कोर्ट में भी
इंदौर। हाउसिंग बोर्ड (housing board) द्वारा आज रिमूवल की बड़ी कार्रवाई की जा रही है, जिसमें एलआईजी चौराहे (LIG Square) पर स्थित माया मेडिकल सहित एक दर्जन से अधिक अवैध और एमओएस में बनी दुकानें जमींदोज की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी फ्लैट-दुकान मालिक केस हार चुके हैं। दरअसल हाउसिंग बोर्ड (housing board) ने जो एलआईजी चौराहा से लगी हुई आवासीय बिल्डिंगें वर्षों पहले बनाई थीं, उनमें नीचे अवैध रूप से आवंटितों ने दुकानें बना लीं और धीरे-धीरे कर इन दुकानों की संख्या बढ़ती रही। पूर्व में भी दुकानों के रिमूवल के प्रयास किए गए, मगर राजनीतिक दबाव-प्रभाव के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी। अब आज हाउसिंग बोर्ड ने निगम को पत्र लिखकर इन दुकानों को तोडऩे को कहा है। निगम की रिमूवल टीम का कहना है कि 10 बजे के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी।
प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड के आवासीय भूखंडों पर शहरभर में व्यावसायिक उपयोग भी शुरू हो गया है। एलआईजी, एमआईजी चूंकि हाउसिंग बोर्ड की 40 साल से अधिक पुरानी कालोनियां हैं और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी हाउसिंग बोर्ड ने ही निर्मित किया था। एलआईजी गुरुद्वारे के पीछे की तरफ जो मल्टियां हाउसिंग बोर्ड ने बनाई हैं, उनमें नीचे के फ्लोर पर अवैध दुकानें पिछले कुछ वर्षों में लगातार बनती रही। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इन दुकानों को अवैध ही करार दिया और रहवासियों की याचिका खारिज कर दी। हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त यशवंत कुमार दोहरे का कहना है कि दो साल तो कोरोना में निकल गए और अन्य कुछ कारणों से रिमूवल टलता रहा। अब आज नगर निगम की सहायता से एमओएस में बनी इन अवैध एक दर्जन से अधिक दुकानों को जमींदोज कराया जा रहा है। निगम के रिमूवल दस्ते के बबलू कल्याणे से पूछने पर उन्होंने कहा कि हाउसिंग बोर्ड ने रिमूवल टीम और जेसीबी मशीनें मांगी हैं। लिहाजा दो जेसीबी मशीनें और दो दल हाउसिंग बोर्ड को इस रिमूवल के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड के सम्पदा अधिकारी संजय अग्रवाल ने इस रिमूवल की पुष्टि करते हुए कहा कि 10 बजे से रिमूवल कराया जाना है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक इन दुकानों का रिमूवल शुरू नहीं हुआ।
रीडेवलपमेंट प्लान का अवैध दुकानदारों ने ही किया था विरोध
सालों से पहले हाउसिंग बोर्ड ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ गुरुद्वारे के साइड में बनी वर्षों पुरानी जर्जर हो चुकी बिल्डिंगों को तोडक़र नई इमारतें बनाने का निर्णय रीडेवलपमेंट प्लान के तहत लिया था, मगर जिन आवंटितों ने अवैध दुकानें बना लीं, उन्होंने ही इसका तगड़ा विरोध किया, जिसके चलते रीडेवलपमेंट प्लान फाइलों में ही बंद हुआ।
गुरुद्वारे के पीछे की बिल्डिंगें निगम कर चुका है खतरनाक घोषित
हाउसिंग बोर्ड गुरुद्वारे के पीछे बनी एक जर्जर बिल्डिंगों को तोड़ चुका है, वहीं अन्य निर्मित बिल्डिंगों को भी रीडेवलपमेंट प्लान के तहत तोड़ा जाना था, वहीं नगर निगम भी इन बिल्डिंगों को खतरनाक और जर्जर घोषित कर चुका है। मगर अवैध दुकानों को दबाव के चलते हाउसिंग बोर्ड की कार्रवाई को हर बार रोक दिया जाता रहा। अब देखना है कि इस बार भी हाउसिंग बोर्ड कार्रवाई में सफल होता है अथवा नहीं।
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