राँची। झारखंड में सीबीआई की विशेष अदालत ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में शनिवार को सजा का ऐलान कर दिया। अदालत ने 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद की हत्या के आरोपियों को दोषी पाया था। दोषियों में शामिल एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर और एक अन्य को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उधर, बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि दोषी इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
सीबीआई कोर्ट के जज रजनीकांत पाठक ने ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, बचाव के लिए झूठी जानकारी देना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत एडिशनल सेशन कोर्ट के जज उत्तम आनंद की हत्या में दोषी ठहराया।
हत्या के मामले की सुनवाई फरवरी में शुरू हुई थी। अदालत ने सुनवाई के दौरान 58 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। हत्या के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज बरामद किया था जिसमें दिख रहा था कि जज उत्तम आनंद धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर सड़क के एक तरफ जॉगिंग कर रहे थे, तभी ऑटो रिक्शा उनकी ओर आ गया, उन्हें पीछे से टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गए।
मामले की जांच के लिए शुरू में एक एसआईटी का गठन किया गया था, लेकिन बाद में झारखंड सरकार ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जज की हत्या का संज्ञान लिया और झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी से इस मामले में स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। सीबीआई के अतिरिक्त लोक अभियोजक अमित जिंदल ने कहा कि अदालत ने पाया कि दोनों आरोपी नशे में नहीं थे। जिंदल ने कहा कि अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि यह जानबूझकर हत्या का मामला है। बता दें कि मामले में शामिल दोनों आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के ठीक एक साल पहले यानी 28 जुलाई 2021 को उत्तम आनंद की हत्या उस वक्त कर दी गई थी जब वे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। उधर, बचाव पक्ष के वकील कुमार बिमेलेंदु ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि सीबीआई ने हत्या के सिद्धांत को मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि लखन और राहुल इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
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