नागदा। सोमवार को हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय ने 16 आरोपियों को आजीवन कारावास और चार-चार हजार रुपयों के जुर्माने की सजा से दंडित किया है। कुल 17 आरोपियों में से एक आरोपी की मृत्यु सुनवाई के दौरान हो गई थी। जैसे ही न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया तो कोर्ट परिसर में मौजूद आरोपियों के परिजन रोने लगे। जेल भेजने से पहले आरोपियों का मेडिकल कराया गया।
उक्त फैसले में 16 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इनमें से 8 नाबालिग आरोपियों का मामला बाल न्यायालय में चल रहा है। 15 नवंबर 2020 में बिरलाग्राम थाना क्षेत्र में दीपावली पर्व के दूसरे दिन पड़वा पर पेट्रोल पंप के समीप रितिक पिता मूलचंद और नीलेश उर्फ ओकेश की मामूली कहासुनी हो गई थी। इस कहासुनी के कुछ देर बाद ही आजादपुरा स्थित रितिक के घर पर नीलेश सहित साथियों ने हमला कर दिया था, जिसमें रितिक की चाकू के गंभीर हमलों से मौत हो गई थी। वहीं रितिक के भाई मयंक, माता सरोज बाई और बहन कोमल को चोट आई थी। पुलिस ने 6 नामजद सहित अन्य पर धारा 302, 307, 450, 323, 325, 294, 452, 147, 148, 149, 120 बी भादवि में प्रकरण दर्ज किया था। बाद में पुलिस जांच में आरोपियों की संख्या 25 हो गयी थी। इसमें 8 नाबालिग होने से उनका प्रकरण बाल न्यायालय भेजा गया था। सोमवार को अपर सत्र न्यायालय ने 16 आरोपियों को आजीवन कारावास और चार-चार हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया। शासन की ओर से पैरवी विशेष अपर लोक अभियोजक आरएस ठाकर ने की थी। आरोपियों में से दो पहले ही जेल में थे जबकि बाकी 14 को सजा के बाद जेल भेजा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ खाचरौद में हुआ मेडिकल सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट परिसर में भारी पुलिसबल सीएसपी बृजेश श्रीवास्तव, बिरलाग्राम थाना प्रभारी अमित सारस्वत पुलिस बल के साथ मौजूद रहा। न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने पर बड़ी संख्या में मौजूद आरोपियों के परिजनों की आंखों से आंसू निकल पड़े। मां, बहन और पत्नी सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पुलिस जवानों ने भीड़ को देखते हुए एक-एक कर आरोपियों को पुलिस गाड़ी में बैठाया और सुरक्षा की दृष्टि से मेडिकल के लिए खाचरौद शासकीय अस्पताल ले गए। मेडिकल के बाद सभी आरोपियों को खाचरौद उपजेल छोड़ा गया।
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