जबलपुर। रांझी थाना क्षेत्रातंर्गत एक युवक की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के लिये उसकी लाश को जला देने वाले बहुचर्चित मामले में जिला अदालत ने एक महिला सहित तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजे उदयसिंह मरावी की अदालत ने तीनों आरोपी धर्मेन्द्र चौबे, गायत्री तिवारी व अशोक तिवारी पर छ:-छ: हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि रांझी थाना क्षेत्रातंर्गत 21 जुलाई 2018 को एक अज्ञात पुरूष 18 से 22 वर्ष का शव आग से जला हुआ एकांत सुनसान जगह वन विभाग की भूमि पर पड़ा पाया गया। जिसकी पहचान रज्जू उर्फ राजकुमार यादव के रूप में की गई थी। जिसके सिर में बायें तरफ कान के उपर व सिर के पीछे चोट के निशान पाये गये थे। मृतक के बायें हाथ की कलाई में एक धातु का कड़ा जो जलकर काला पड़ गया था व मृतक के गर्दन के नीचे सफेद धातु का लॉकेट जिसमें दुर्गा व काली का चित्र बना हैं शव के आसपास चादर, साल व कंबल के जले हुये टुकड़े के अवशेष पड़े हुये थे। वहीं समीप पर शराब की बॉटल व पाउच सहित अन्य सामग्री पड़ी हुई थी। पीएम रिपोर्ट में हत्या कर लाश को जलाया जाना बताया गया था। जिस पर रांझी पुलिस ने जांच उपरांत आरोपी धर्मेन्द्र चौबे, गायत्री तिवारी व अशोक तिवारी के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया था। सुनवाई दौरान पेश किये गये गवाह व साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए अदालत ने आरोपियों को उक्त सजा व अर्थदंड से दंडित किया। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संगीता सिंह परिहार ने पक्ष रखा।
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