इंदौर। मामूली बात पर दोस्त की हत्या करने वाले युवक को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर उसे हत्या का दोषी पाया। सूत्रों के मुताबिक 4 दिसंबर 2020 की शाम को फरियादी जितेंद्र चौहान ने जूनी इंदौर थाने में रिपोर्ट की थी कि उसका बड़ा भाई भूपेंद्र अबू उर्फ आबू उर्फ अभिषेक पिता सुभाष मावड़ा (21 वर्ष) निवासी स्नेहनगर झोपड़पट्टी उसके दोस्त यश की बाइक लेकर गया था, लेकिन घर नहीं लौटा है। इस बीच पुलिस को खबर लगी कि गाड़ी ले जाने की बात पर आबू का नवलखा कलाली के पास भूपेंद्र से झगड़ा हुआ और उसे जांघ के पास चाकू मारकर बुरी तरह घायल कर दिया है। भूपेंद्र को गंभीर घायल अवस्था में एमवाय अस्पताल ले जाया गया जहां अधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई थी।
मामले में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर आबू को गिरफ्तार किया था। मामला जिला कोर्ट में सत्र न्यायाधीश सुबोधकुमार जैन के समक्ष चला जहां चश्मदीद गवाहों ने आबू द्वारा भूपेंद्र को चाकू मारने के बयान दिए। मृतक के भाई व मौसेरे भाई राज ने भी गवाही दी थी। सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि भूपेंद्र व आबू पहले अच्छे दोस्त थे किंतु किसी बात पर विवाद हुआ तो पहले भी आबू ने भूपेंद्र का सिर फोड़ दिया था। इसके बाद अब यश की गाड़ी ले जाने को लेकर भी आबू ने मृतक से विवाद करते हुए चाकू मारा था। न्यायालय ने आबू को दोषी मानते हुए उसे उम्रकैद की सजा और 10 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित किया है।
सजा सुनाने की बारी आर्इं तो रहम की गुहार लगाई..
मामले में कोर्ट ने आबू को दोषी करार दिया तो उसने रहम की गुहार लगाते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगार्इं। हत्या के जुर्म में न्यूनतम सजा ही उम्रकैद है, ऐसे में वह कठोर सजा पाने से बच नहीं पाया।
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