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    650 की तुलना में मात्र 10 कॉकटेल पार्टियों के बने लाइसेंस

  • November 27, 2020


    कोरोना के चलते शराबखोरी घटी… 25 फीसदी खपत कम होने से विभाग को मिला नोटिस भी
    इंदौर। कोरोना संक्रमण के चलते जहां लॉकडाउन के कारण पहले जहां शराब की दुकानें, होटल-बार बंद रहे, उसके बाद अभी फिर रात्रिकालीन कफ्र्यू के कारण शराब की खपत में कमी आ गई है। शादियों सहित अन्य कार्यक्रमों में कॉकटेल पार्टियों की संख्या भी अत्यंत सीमित हो गई। गत वर्ष आबकारी विभाग ने ऐसी पार्टियों के लिए जो एफएल-5 अस्थायी लाइसेंस जारी किए जाते हैं वह 650 दिए थे, जबकि इस बार मात्र 8-10 लाइसेंस ही पार्टी आयोजकों ने बनवाए हैं। शराब की खपत में लगभग 25 फीसदी की कमी में आने और आबकारी आय घटने के चलते इंदौर जिले के अधिकारियों को भी आयुक्त कार्यालय से नोटिस जारी हुए हैं।

    अभी इस बात की आलोचना हो रही है कि शराब की दुकानें और अहाते रात साढ़े 11 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई, जबकि अन्य दुकानें रात 8 बजे से ही बंद करवा दी गई है और 10 बजे से रात्रिकालीन कफ्र्यू लागू किया गया जो सुबह 6 बजे तक लागू रहता है, जिसके चलते शादियों के आयोजन भी रात 10 बजे तक समेटना पड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पार्टियों की संख्या भी घट गई। अभी शादियों के सीजन में ही संगीत समारोह के साथ कॉकटेल पार्टियां आयोजित की जाती है। इसके लिए आबकारी विभाग अस्थायी लाइसेंस एफएल-5 देता है। सहायक उपायुक्त आबकारी राजनारायण सोनी के मुताबिक जहां गत वर्ष 650 एफएल-5 लाइसेंस बने थे इस बार उनकी संख्या मात्र 8-10 तक ही सीमित रह गई है। इसी तरह सितम्बर-अक्टूबर के महीने में देशी-विदेशी शराब के साथ-साथ बीयर की खपत में भी कमी दर्ज कई गई है। हालांकि अभी सितम्बर में देशी मदिरा की खपत में कुछ इजाफा हुआ था, मगर विदेशी मदिरा और बीयर की खपत सवा प्रतिशत से लेकर 31 प्रतिशत तक घटी इसी तरह अक्टूबर के महीने में देशी मदीरा की खपत तो 2 प्रतिशत से अधिक बढ़ी, लेकिन विदेशी मदीरा की खपत 22 फीसदी तक घटी। अलबत्ता बीयर की खपत में अवश्य 18-19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, लेकिन औसतन 24 से 25 प्रतिशत खपत घटी है। श्री सोनी ने यह भी स्वीकार किया कि खपत घटने के चलते नोटिस भी मिले हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले का ठेका जुलाई में 762 करोड़ रुपए का हुआ। मगर ठेकेदारों का कहना है कि लगाए जा रह प्रतिबंध के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभी भले ही रात साढ़े 11 बजे तक दुकानों और अहातों को अनुमति दी गई, मगर 8 बजे से होटल और बार बंद करवा दिए हैं, जिसके चलते लाइसेंस फीस कैसे चुकाएंगे अब इसे भी माफ करने की मांग ठेकेदारों की जा रही है।

    9 करोड़ की लाइसेंस फीस करना पड़ी माफ
    पिछले दिनों जिला प्रशासन ने रविवार को पूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया था, जिसके चलते शराब की दुकानें, होटल-बार भी बंद रहे। लगभग 8 रविवार को यह लॉकडाउन रहा, जिसमें से उपायुक्त आबकारी राजनारायण सोनी के मुताबिक 4 दिन कलेक्टर को दुकानें बंद करवाने के अधिकार हैं। लिहाजा 8 में से 4 दिन कम करने के बाद शेष बचे 4 दिनों की लगभग 9 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस ठेकेदारों की माफ करना पड़ी। इस संबंध में ठेकेदारों ने आबकारी आयुक्त के समक्ष आवेदन दिया था, जिसके चलते लाइसेंस फीस माफ की गई।

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