उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

स्टेटस सिंबल बने रिवाल्वर के लाइसेंस नहीं मिल रहे हैं

  • नहीं चल रही है किसी की सिफारिश-पूर्व गृहमंत्री ने रोक दिए थे और अब मुख्यमंत्री के पास है गृहमंत्री का प्रभार

उज्जैन। मध्य प्रदेश सहित उज्जैन में पिछले 6 माह से अधिक समय से स्टेटस सिंबल बने रिवाल्वर के लाइसेंस नहीं बन रहे हैं। लायसेंसधारी रिवाल्वर लटकाकर या सोशल मीडिया पर प्रदर्शन करते हैं जिससे अच्छा संदेश समाज में नहीं जाता है।


रिवाल्वर का लाइसेंस बनवाने के लिए नियमानुसार पुलिस थाना और राजस्व विभाग से लेकर एसपी कलेक्टर और संभाग आयुक्त की अनुशंसा के बाद फाइल गृह मंत्रालय पहुँचती हैं और वहाँ पर भी बिना सिफारिश और रिश्वत के पिस्तौल का लाइसेंस नहीं बनता है। विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी 4 महीने पहले से फाइल मंजूर नहीं की। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुए और गृहमंत्री का प्रभार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास ही हैं। उन्होंने भी अभी तक एक भी रिवाल्वर लाइसेंस की फाइल मंजूर नहीं की है। ऐसे में पिछले 7-8 महीने से एक भी रिवाल्वर का लाइसेंस मध्य प्रदेश सहित उज्जैन में नहीं बन पाया है। ऐसे में अब रिवाल्वर लाइसेंस की चाहत रखने वाले लोग गृह मंत्रालय के इशारे का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही वहाँ लाइसेंस बनना शुरू होंगे, वैसे ही भोपाल में फिर भीड़ लगने लगेगी। पूरे प्रदेश की 4000 फाइल गृह मंत्रालय में रखी हैं, वहीं उज्जैन में भी कलेक्ट्रेट में 5 से 7 रिवाल्वर लाइसेंस की फाइल और संभाग आयुक्त तथा गृह मंत्रालय में भी इतनी ही फाइल लाइसेंस मिलने का रास्ता देख रही हैं। लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के चलते पिछले 4 से 5 महीना से काम बिल्कुल बंद पड़ा था। अब सभी चुनाव निपट चुके हैं। संभावना है कि लाइसेंस बनने का काम शुरू होगा। उल्लेखनीय है कि रिवाल्वर की जितनी कीमत नहीं रहती है।

अस्पताल से रात में बाईक ले गए चोर-देवासगेट थाना पुलिस ने बताया कि इंदौर के समीप बारोली में रहने वाला संतोष सोलंकी जिला अस्पताल में भर्ती अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए कल रात आया था और उसने अस्पताल में ही अपनी स्प्लेंडर मोटरसायकल खड़ी की थी। उसकी बाईक चोरी चली गई।

Share:

Next Post

उज्जैन में बिजली कर्मचारियों को वायरलैस की सुविधा मिली

Sat Jun 29 , 2024
मेंटेनेंस एवं लाईन पर काम करने वालों को 40 सेट दिए उज्जैन। विद्युत मंडल का कार्य इमरजेंसी का होता है और फिल्ड के कर्मचारियों को वायरलेस सुविधा दी गई है जिससे उनका संपर्क तत्काल हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि मालवा के दूसरे सबसे बड़े शहर और संभागीय मुख्यालय उज्जैन की बिजली वितरण व्यवस्था का आधुनिकीकरण […]