इंदौर। अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने वरिष्ठ जिला पंजीयक को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि का विक्रय विलेख निष्पादित कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करने के फलस्वरूप सर्विस प्रोवाइडर आनंद जोशी का लायसेंस निरस्त करने के निर्देश दिये है।
एसडीएम डॉ. अम्बेडकर नगर महू द्वारा अवगत कराया गया है कि महू तहसील के ग्राम पानदा स्थित 0.836 हैक्टेयर भूमि- सर्वे नंबर 198/2 रकबा, वर्ष 2016 में इशर कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. तर्फे अधिकृत इंदौर निवासी रोहित सबरवाल द्वारा 20 अप्रैल, 2016 को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्र. MP179092016A1226407 से ग्राम पानदा निवासी जयसिंह पिता केशरसिंह ठाकुर को प्रतिफल राशि एक करोड़ 28 लाख 18 हजार रूपये प्राप्त कर विक्रय की गई है।
जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक (सिविल) नं. 188/2014 में अभिनिर्धारित किया गया है कि गोल्डन फॉरेस्ट एवं उसकी सहयोगी कम्पनीयों द्वारा धारित भूमि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति के अधीन कर दी गई है। उक्त आदेश में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इशर कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. को गोल्डन फॉरेस्ट की सहयोगी कंपनी के रूप में चिन्हित किया गया है। इशर कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. कंपनी तर्फे रोहित सबरवाल द्वारा प्रश्नाधीन भूमि का विक्रय पत्र निष्पादित किया गया है।
सर्विस प्रोवाइडर आनंद जोशी ने गोल्डन फारेस्ट की भूमि का विक्रय विलेख निष्पादित करते समय रोहित सबरवाल की इशर कन्स्ट्रक्शन कंपनी प्रा.लि. में क्या हैसियत है और क्या उन्हें गोल्डन फारेस्ट की भूमि विक्रय करने की अधिकारिता कंपनी द्वारा प्रदाय की गई है, इन बिन्दुओं की जाँच किए बिना गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि का विक्रय विलेख निष्पादित कराया गया है। सर्विस प्रोवाइडर आनंद जोशी जो कि शासन के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे है, उनके द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुये क्रेता विक्रेता से संगनमत होकर उक्त कृत्य को अंजाम दिया गया है। कलेक्टर मनीष सिंह ने उक्त संदर्भ में उप पंजीयक चंचल कुमार जैन को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए ग्राम पानदा स्थित गोल्डन फारेस्ट की भूमि के विक्रय पत्र का निष्पादन करने हेतु कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
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