नई दिल्ली। लगातार बिकवाली का दबाव झेल रहे भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) के शेयरों (Shares) में मंगलवार 31 मई को भी सुधार नहीं हुआ. एलआईसी (LIC) के शेयर 3.05 फीसदी यानी 25.55 रुपये गिरकर बीएसई (BSE) पर 811.50 रुपये पर बंद हुए. इस गिरावट से एलआईसी की मार्केट कैपिटेलाइजेशन (Market Capitalization of LIC) में जोरदार गिरावट आई और यह 16,160 करोड़ रुपये घटकर 5,13,273 करोड़ रुपये रह गया.
लिस्टिंग के बाद से ही एलआईसी के शेयरों में गिरावट जारी है. 17 मई को एलआईसी के शेयर बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हुए थे. यह इश्यू प्राइस से करीब 8.11 फीसदी डिस्काउंट के साथ NSE पर 872 रुपये पर लिस्ट हुआ था. वहीं, बीएसई पर एलआईसी का शेयर 867 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ था. LIC के आईपीओ में इनवेस्टर्स ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई थी. यह इश्यू करीब तीन गुना सब्सक्राइब हुआ था।
डिविडेंट के ऐलान का भी नहीं हुआ असर
सोमवार को एलआईसी ने अपने नतीजे घोषित किए थे. 31 मार्च, 2022 को हुए वित्त वर्ष में कंपनी की नेट प्रीमियम आय 6.1 फीसदी बढ़कर 4,27,419 करोड़ रुपये रही. मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में एलआईसी का कुल राजस्व साल-दर-साल 11.64 प्रतिशत बढ़कर 2,11,471 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 1,89,176 करोड़ रुपये था. पिछले वित्त वर्ष में एलआईसी का मुनाफा 4,043.12 करोड़ रुपये रहा था. यह वित्त वर्ष 2020-21 में 2,900.57 करोड़ रुपये के प्रॉफिट से 39.39 करोड़ रुपये ज्यादा है. सोमवार को एलआईसी के बोर्ड ने प्रति शेयर 1.50 रुपये डिविडेंड का ऐलान किया. कंपनी डिविडेंड पर कुल 948.75 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स (PAT) का करीब 23.46 फीसदी है।
चार को खुला था आईपीओ
एलआईसी का आईपीओ चार मई को लॉन्च हुआ था. इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. पॉलिसीहोल्डर्स के लिए तय कैटेगरी में यह इश्यू 6 गुना सब्सक्राइब हुआ था. सरकार ने इस आईपीओ से करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. सरकार ने इस इश्यू के जरिए एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है. एलआईसी में इश्यू से पहले सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी थी।
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