उज्जैन। इस हफ्ते सोमवार और मंगलवार को बैंकों की हड़ताल (Bank strike) के चलते लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसी बीच अब भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारियों ने भी गुरुवार को हड़ताल की।
उज्जैन बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। एलआईसी कर्मचारी संघ के संयुक्त सचिव प्रशांत सोहले, उपाध्यक्ष अनिल कुरेल का कहना है कि केंद्र सरकार बीमा क्षेत्र में एफडीआई (FDI) की सीमा 49 से 74 प्रतिशत करने जा रही है। साथ ही एलआईसी का आईपीओ लाने वाली है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी का निजीकरण करने की तैयारी की जा रही है। इससे आम लोगों के साथ ही कर्मचारियों का नुकसान होगा। इसी के चलते रैली टावर से निकालकर कोठी पैलेस पहुंची,जहां ज्ञापन सौंपा गया।
दरअसल, बीमा में एफडीआई की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने, आईपीओ के जरिए एलआईसी में हिस्सेदारी घटाने और वेतन में संशोधन की मांग को लेकर गुरुवार को बीमा निगमों के सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों का आरोप है कि एलआईसी प्रबंधन ने चार दौर की बातचीत के बाद वेतन में 16 फीसदी की बढ़ोतरी की पेशकश की है, जो उन्हें मंजूर नहीं है।
केंद्रीय बजट 2021 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) लाया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और वित्तीय संस्थानों में बिक्री से 1.75 लाख करोड़ विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार के स्वामित्व वाले बीमा निगम की स्थापना 1956 में हुई थी, जिसमें 2020 तक लगभग 1,14,000 कर्मचारी और 29 करोड़ से ज्यादा पॉलिसीधारक हैं।
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