फुटपाथियों का निगम पर प्रदर्शन
इंदौर। पिछले कई दिनों से राजवाड़ा (rajwada) और उससे जुड़े क्षेत्रों में फुटपाथ (footpath) और सडक़ (road) पर छोटा-मोटा धंधा (business) करने वाले विक्रेताओं (vendors) और दुकानदारों (shopkeepers) के बीच विवाद चल रहा है। दरअसल यातायात (traffic) और अन्य अव्यवस्थाओं के चलते दुकानदारों की मांग रहती है कि इन फुटपाथियों को हटाया जाए, वहीं ठेले, गुमटियां भी नहीं लगने दी जाती है। अभी दीपावली पर राजवाड़ा और उससे जुड़े क्षेत्रों में ही सबसे अधिक भीड़ रहती है और छोटी-मोटी सामग्री बेचने वाले ये विक्रेता यहां पर रोजी-रोटी कमाते हैं। कल जब उन्हें हटाने के प्रयास किए गए तो उन्होंने सडक़ पर निगम के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और कपड़ों की होली भी जलाई। इसमें शामिल महिलाओं का कहना है कि दीपावली पर हमें भी थोड़ा-बहुत कमाने दिया जाए।
निगम (corporation) के कर्मचारी भी इन फुटपाथ पर काम करने वालों से ना सिर्फ अवैध वसूली करते हैं बल्कि मुफ्त में सामान भी ले लेते हैं। राजवाड़ा, खजूरी बाजार व आसपास के क्षेत्रों में चूंकि दीपावली पर सबसे अधिक भीड़ उमड़ती है और इन छोटे कारोबारियों को भी दो पैसे कमाने का मौका मिल जाता है, लेकिन कल निगम के रिमूव्हल दल ने जब इन्हें हटाया तो ये छोटे विक्रेता बिफर गए और कई महिलाओं ने निगम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया और अपनी ही दुकान की कपड़ों सहित अन्य सामग्री सडक़ पर जलाना शुरू कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भी समझाने का प्रयास किया। इन छोटे विक्रेताओं का कहना है कि दो पैसे दीपावली पर हमें भी कमाने दिए जाएं। हम कई बार नगर निगम भी गए और अधिकारियों से लेकर अन्य नेताओं से भी मिले। मगर हमें दुकान लगाने की अनुमति नहीं मिलती है। कम से कम दीपावली के अवसर पर ही हफ्ते-दस दिन के लिए बैठने दिया जाए। वैसे भी राजवाड़ा और उससे जुड़ा पूरा क्षेत्र नो व्हीकल झोन घोषित कर दिया जाता है। दूसरी तरफ निगम का कहना है कि इन्हें पुराने एसपी ऑफिस के पास जगह दी गई, मगर ये वहां नहीं जाना चाहते और राजवाड़ा चौक में ही बैठते हैं।
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