इंदौर (Indore)। कल रात महू के आर्मी वार कॉलेज में तेंदुए की मौजूदगी ने एक बार फिर सबको दहशत में डाल दिया है। वन विभाग और आर्मी की टीम ने कल दोपहर से लगातार सर्चिंग अभियान चला रखा है, मगर सीसीटीवी कैमरे के अलावा तेंदुआ कहीं और नजर नहीं आ रहा है। महू के फारेस्ट रेंजर वैभव उपाध्याय ने बताया कि कल सोमवार को सैन्य अधिकारियों ने उन्हें सूचना दी कि रविवार की रात को वार कॉलेज परिसर में तेंदुआ घूमता हुआ उनके वीडियो कैमरे में नजर आ रहा है। इसके बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आर्मी अफसरों के साथ सर्चिंग अभियान चलाया, मगर टीम के हाथ कुछ नहीं लगा। सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा 5 नाइट विजन ट्रैप कैमरे लगाकर हर पल नजर रखी जा रही है।
सोमवार की रात फिर नजर आया
रविवार की रात की तरह सोमवार की रात को भी कैमरे के वीडियो फुटेज में तेन्दुए का मूवमेंट नजर आ रहा है। सैन्य अधिकारियों ने तेंदुए की मौजूदगी के चलते आर्मी के अलावा आसपास के रहवासी इलाकों में सभी को अलर्ट कर दिया है।
पिछले 11 महीनों से बाघ और तेंदुए का मूवमेंट
सैन्य इलाकों सहित महू के आसपास गांवों में बाघ और तेंदुए का मूवमेंट दिसम्बर 2022 से जारी है। इस दौरान बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो चुकी है। पिछले जून माह में भी एक तेंदुआ आर्मी कालोनी में घुस आया था। तब भी कई दिनों तक सर्चिंग अभियान चलाकर उसे पकडऩे के सारे प्रयास किए, मगर उस दौरान भी कोई सफलता नहीं मिली। जून माह से पहले मई माह में बाघ की मौजूदगी ने न सिर्फ लोगों को घरों में कैद करके रख दिया था, बल्कि सैन्य रहवासी इलाके में लॉकडाउन तक लगाना पड़ा था।
जंगलों का पर्यावरण संतुलन गड़बड़ाया
महू के वन विभाग के एसडीओ कैलाश जोशी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से आसपास के गांवों से सटे जंगल में बाघ और तेंदुए का मूवमेंट जारी है। शहर गांव बस्ती अथवा रहवासी इलाको में वन्यजीवों की मौजूदगी फारेस्ट का ईको सिस्टम यानी जंगल का पर्यावरण संतुलन गड़बड़ाने का परिणाम है। रेंजर के अनुसार खबर लिखे जाने तक तेंदुए की तलाश में सर्चिंग ऑपरेशन जारी है।
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