– खबर छपने पर वन विभाग के अधिकारी आए हरकत में
– कल शाम वाहनों में दो तेंदुओं को जंगलों में छोडऩे के लिए ले
– गई वन विभाग की टीम, सेंधवा और पानसेमल से पकड़े थे
इन्दौर। वन विभाग की टीमों ने दो माह पहले सेंधवा और पानसेमल से पकड़े गए दो तेंदुए कल रात जंगलों में छोड़ दिए। शाम को वन विभाग की टीम पूरी तैयारी के साथ तेंदुओं को लेने झू पहुंची थी। कई दिनों से झू के अधिकारी तेंदुओं को ले जाने के लिए विभाग को पत्र लिख रहे थे। अभी भी झू में तीन तेंदुए और हैं।
इंदौर जिले के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में तेंदुए दिखने और उनके पकड़े जाने का मामला लगातार चलता रहा है। पकड़े गए तेंदुओं को झू में रखा जा रहा था और वहां हालत यह हो गई थी कि तेंदुओं को रखने के लिए जगह ही नहीं बची थी। दो दिन पहले झू प्रशासन ने वन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट कह दिया था कि अब नए तेंदुए रखे जाने के लिए पिंजरे खाली नहीं हैं और पूर्व से पकड़े गए तेंदुओं को जंगलों में छोड़ा जाए, तब जाकर नए वन्य प्राणियों को रखा जाए। कल ही अग्निबाण ने इस संबंध में समाचार प्रकाशित किया था। उसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को आला अधिकारियों ने फटकार लगाई और कल शाम को 6 बजे के लगभग विभाग के अधिकारियों की टीम पूरी तैयारी के साथ तेंदुओं को ले जाने के लिए पहुंची। प्रभारी अधिकारी डॉ. उत्तम यादव के मुताबिक पानसेमल और सेंधवा से उक्त तेंदुए दो माह पहले पकड़े गए थे और वे तभी से झू में रह रहे थे। इसके अलावा दो और तेंदुए अलग-अलग स्थानों से पकड़े गए थे। दो दिन पहले ही एक तेंदुआ गंभीर हालत में झू लाया गया था। तमाम सुरक्षा के साथ तेंदुओं को पिंजरों में शिफ्ट कर रवाना कर दिया गया।
घायल तेंदुए की आंख ठीक हुई
आज सुबह प्राणी संग्रहालय में अधिकारियों की टीम ने कम्पैल के नयापुरा में भिड़ंत में घायल हुए तेंदुए का स्वास्थ्य देखा। उसकी दोनों आंखों पर गंभीर चोट आई थी और एक आंख से पूरी तरह दिखाई नहीं दे रहा है और दूसरी आंख के मामले में भी यही आशंका थी, लेकिन आज सुबह इसमें सुधार हुआ और एक आंख से वह देखते हुए अफसरों पर गुर्राने लगा। डॉ. यादव के मुताबिक तेंदुए की लेफ्ट आई ठीक है और अब दूसरी आंख के ऑपरेशन पर विचार किया जा रहा है।
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