भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के स्थगित होने से निराश विधायकों की समस्या को मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दूर कर दिया। उन्होंने सोमवार को विधायकों से साढ़े पांच घंटे वन-टू-वन मुलाकात की। इस दौरान उनकी समस्या और मांगों को सुनकर मौके पर ही अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। वहीं, विधायकों से पूछा कि कहीं कोई अधिकारी काम तो नहीं अटका रहा। चर्चा मुख्य रूप से आगामी निकाय चुनाव पर केंद्रित रही। सीएम ने भाजपा विधायकों से निकाय चुनाव के पहले प्रदेश सरकार के विकास कार्यों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए कहा। सीएम ने विधायकों से कहा कि निकाय चुनाव में महापौर व अध्यक्ष और पार्षद प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी विधायकों की है। उन्होंने पूछा कि आपके क्षेत्र में क्या स्थिति है। किसी तरह की प्रशासनिक दिक्कत तो नहीं आ रही। उनसे 40 से ज्यादा विधायक मिले। केदारनाथ शुक्ला ने पंचायतों के परिसीमन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने इसमें गड़बड़ी की है। इसे फिर कराया जाए या पूर्ववत रखा जाए। गिरीश गौतम से पूछा कि क्षेत्र के लिए और क्या किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा सत्र की तैयारी के लिए भोपाल आए विधायकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की। सुबह प्रदीप लारिया, अशोक रोहणी, पूर्व विधायक ममता मीणा सहित अन्य विधायक मुख्यमंत्री से मिले। नाश्ते पर सामूहिक चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने विधायकों से अलग-अलग बात की। इस दौरान मैदानी कामों का फीडबैक लेने के साथ उनकी समस्याएं सुनीं। बसपा विधायक संजीव कुशवाह ने भी क्षेत्र से जुड़ी मांगों को उठाया। दो चरण में यह सिलसिला लगभग साढ़े पांच घंटे चला और इस अवधि में उन्होंने कुल 64 विधायकों से मुलाकात की। इस दौरान सभी को निकाय चुनाव में जुटने के साथ विकास योजनाओं बढ़-चढ़कर भागीदारी करने के लिए कहा।
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