भोपाल। प्रदेश में मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित 16 नगर निगम सहित अन्य नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत झोंकेगी। इसके लिए पार्टी ने विधायकों, प्रदेश पदाधिकारियों और युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों की निकायवार ड्यूटी लगाने की रणनीति बनाई है। विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी की जीत का जिम्मा सौंपा जाएगा। यहां की हार-जीत पर उनके जनाधार का आकलन भी होगा। प्रत्याशी चयन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ दस फरवरी को प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे। 50 फीसदी से ज्यादा टिकट युवाओं को देने पर जोर दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मार्च के पहले सप्ताह में निकायवार मतदाता सूची बनकर तैयार हो जाएगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कार्यक्रम घोषित कर देगा। चुनाव दो चरणों में कराने की तैयारी है। आयोग की तैयारी को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने भी प्रत्याशी चयन का काम तेज कर दिया है। सभी निकायों के प्रभारियों को संगठन ने निर्देश दिए हैं कि वे जिला स्तरीय समिति की बैठक करके आम सहमति से एक नाम तय करके प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दे दें। पार्टी ने तय किया है कि इस बार प्रत्याशी चयन का काम जिला स्तर पर समिति ही करेगी। प्रदेश संगठन सिर्फ उन स्थानों को लेकर हस्तक्षेप करेगा, जहां आमराय नहीं है।
विधायक भी बन सकते हैं प्रत्याशी
पार्टी ने तय किया है कि सहमति बनने पर विधायक को भी महापौर पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा। इंदौर नगर निगम में महापौर पद के लिए विधायक संजय शुक्ला के नाम पर सभी स्थानीय नेताओं में लगभग सहमति बन गई है। हालांकि, अंतिम निर्णय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे।
हर स्तर पर जिम्मेदारी तय होगी
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि निकाय चुनाव में हर स्तर पर जिम्मेदारी तय होगी। पार्टी पूरे दमखम से निकाय चुनाव लड़ेगी। सभी विधायकों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को जितवाएं। मीडिया विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि चुनाव में प्रदेश कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस से लेकर सभी संगठनों की प्रभावी भूमिका रहेगी। प्रत्याशी चयन समिति में भी स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश पदाधिकारियों को रखा गया है।
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