नई दिल्ली: कोरोना काल में पूरी दुनिया जब संक्रमण से बचने लिए नए-नए तरीके तलाश रही थी, तब वर्क फ्रॉम होम तमाम कंपनियों के लिए एक कारगर कदम साबित हुआ था. लगभग दो साल तक लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया. हर जगह लॉकडाउन होने के बावजूद लोग घर में बैठकर अपना ऑफिशियल काम करते रहे. इतना ही नहीं वर्क फ्रॉम होम कंपनियों के लिए भी फायदे का कदम साबित हुआ. दो साल कोरोना काल के दौरान कंपनियों का ऑफिस मेंटेनेंस का खर्च लगभग ना के बराबर रहा. इन सभी पहलुओं पर नीदरलंड की सरकार ने बारीकी से गौर करते हुए अब बड़ा फैसला ले लिया है.
‘वर्क फ्रॉम होम’ कानूनी अधिकार
नीदरलैंड की सरकार ने वर्क फ्रॉम होम को कर्मचारियों के लिए कानूनी अधिकार बनाने का पूरा खाका खीच लिया है. पिछले हफ्ते डच संसद के निचले सदन ने इस संबंध में कानून पारित किया. यूरोपीय देश को अब सीनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार है. मौजूदा व्यवस्था में नीदरलैंड में नियोक्ता यानी इंप्लॉयर बिना कोई कारण बताए कर्मचारियों के घर से काम करने के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार कर सकते हैं. नए कानून के तहत इंप्लॉयर्स को ऐसे सभी अनुरोधों पर विचार करना होगा और उन्हें अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त कारण देना होगा.
कर्मचारियों के लिए नीदरलैंड का बड़ा फैसला
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार ग्रोएनलिंक्स पार्टी की सेना माटौग ने कहा, ‘यह उन्हें बेहतर कार्य-जीवन संतुलन खोजने और आने-जाने में लगने वाले समय को कम करने की अनुमति देगा.’ नया बिल नीदरलैंड्स फ्लेक्सिबल वर्किंग एक्ट 2015 में एक संशोधन है, जो कर्मचारियों को अपने काम के घंटे, शेड्यूल और यहां तक कि काम के स्थान में बदलाव का अनुरोध करने की अनुमति देता है.
टेस्ला ने कर्मचारियों को किया मजबूर
नीदरलैंड पहले से ही कर्मचारियों के अधिकारों के लिए जाना जाता है. नया कानून ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर की कंपनियां कर्मचारियों को ऑफिस वापस बुलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. जहां कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को वापस लाने में ढील दे रही हैं, वहीं सेल्सफोर्स जैसी अन्य कंपनियों ने ज्यादातर ऑफिस में काम करना पूरी तरह से बंद कर दिया है. टेस्ला जैसे कुछ अन्य कंपनियों ने कर्मचारियों को ऑफिस लौटने के लिए मजबूर किया है. टेस्ला के संस्थापक और सीईओ एलन मस्क ने कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि वे या तो ऑफिस लौटें या कंपनी छोड़ सकते हैं.
नीदरलैंडवासियों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी
डच कॉर्पोरेशन के लिए नया कानून उतना विवादास्पद होने की उम्मीद नहीं है. यूरोस्टैट के अनुसार महामारी से दो साल पहले से ही 14 प्रतिशत कार्यबल वर्क फ्रॉम होम कर रहा है. लेकिन कानून और नियमन को कैच-अप खेलना पड़ा है क्योंकि 2020 में COVID-19 के बाद से रिमोट वर्किंग में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है.
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