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चीन को छोड़ा: ऑस्ट्रेलिया ने अपने पत्रकारों को वापस बुलाया, ये है वजह.

September 08, 2020

शंघाई| बीते 7 सितंबर की रात को चीन से दो आस्ट्रेलियाई पत्रकार बहुत गुपचुप तरीके से भागने में कामयाब रहे। चीन में बचे आखिरी दो मान्यता प्राप्त ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार थे। ऑस्ट्रेलिया की सरकार और दोनों पत्रकार जिन मीडिया हाउस के लिए काम करते थे उनके मालिकों ने कहा है कि पुलिस इन पत्रकारों से पूछताछ करना चाहती थी। इस प्रकरण ने दोनों देशों के बीच पहले से ही खराब संबंधों को और भी नीचे ला दिया है।

चीन की पुलिस पत्रकारों को राष्ट्रीय सुरक्षा के आरोप में कर सकती थी गिरफ्तार

ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार बिल बरटल्स और माइकल स्मिथ ने गोपनीय तरीके से ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक मिशन में कई दिनों तक शरण ले रखी थी। इन पत्रकारों का कहना था कि चीन की पुलिस इन दोनों को राष्ट्रीय सुरक्षा के आरोप में गिरफ्तार कर सकती थी। बाद में सिडनी पहुंचने पर आस्ट्रेलिया ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन के बीजिंग संवाददाता बिल बरटल्स ने कहा कि उस देश में वापस लौटना राहत भरा है जहां वास्तव में कानून का शासन है।

आधी रात को पुलिस की छापेमारी की

दूसरे पत्रकार हैं माइकल स्मिथ जो ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू (एएफआर) के शंघाई संवाददाता हैं। पिछले दिनों बरटल्स और स्मिथ के घर पर आधी रात को पुलिस की छापेमारी हुई थी और उन्हें ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ मामले में पूछताछ के लिए चेतावनी दी गई थी। पिछले सप्ताह चीन में ऑस्ट्रेलिया के दूतावास ने बरटल्स को देश छोड़ने की सलाह भी दी थी।

चीन विरोधी गतिविधियों का लगा पत्रकारों पर आरोप

दरअसल, चीन में एक अन्य आस्ट्रेलियाई पत्रकार चेंग लेई की गिरफ्तारी हुई थी जिसके बाद अंदेशा था कि आस्ट्रेलिया के बाकी पत्रकारों को पकड़ा जाएगा। चेंग लेई चीन के अंतरराष्ट्रीय प्रसारक सीजीटीएन के अंग्रेजी न्यूज चैनल के लिए काम करती हैं। इन पर चीन विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया था। हालाँकि अभी तक ऐसी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गयी थी लेकिन जैसे ही बिल बरटल्स और माइकल स्मिथ आस्ट्रेलिया पहुंचे तब चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि चेंग लेई पर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का संदेह है।

आस्ट्रेलिया-चीन रिश्ते

पिछले दो साल में ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्तों में गिरावट आई है. ऑस्ट्रेलिया आरोप लगाते आया है कि बीजिंग देश के अंदर राजनीतिक और आर्थिक मामलों में दखल दे रहा है। ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच रिश्ते दशकों में पहली बार सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। बीजिंग और कैनबेरा के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद है। इन मुद्दों में कोरोना वायरस पर चीन की भूमिका से लेकर व्यापार और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों का आंदोलन शामिल हैं। आस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को दोषी भी ठहराया है। पहले से ही ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच मौजूद तनाव को इस घटना ने दोनों देशों के रिश्ते को और कमजोर किया है।

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