उज्जैन। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुल गान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.विजयकुमार सी.जी. ने कहा कि नारी का सम्मान समाज मे व्यवहार में होना आवश्यक है। समाज के महिलाओं के प्रति दृष्टि बदलना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज भी भारत देश में महिलाओं के उत्थान के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं जो सराहनीय हैं। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रेरणा मनाना ने कहा कि मां भारती विश्वव्यापी जननी है, इसलिए भारतीय नारी होना अपने आप मे गर्व की बात है।
भारतीय संस्कृति में नारी का स्थान अद्वितीय है। मैत्रेयी गार्गी लोपमुद्रा, जैसी नारियां भारतीय इतिहास में रहीं हैं, तो सुलेखा यादव, पहली महिला ट्रेन ड्राइवर, शांति कुट्टी अम्मा, पारंपरिक ज्ञान से हर्बल दवाई बनानेवाली, भानु अथैया, लीना नायर शनैल की सीईओ, फाल्गुनी नैयर और अनेकानेक महिलाएं आज हर क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान से परचम फहरा रही हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की महिला प्राध्यापिका, कर्मचारी तथा छात्राओं को विश्वविद्यालय परिवार की ओर से कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. ज्योत्सना शुक्ला ने रखी। संचालन पूजा गौर ने किया।
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