नई दिल्ली । लेबनान (Lebanon) और सीमावर्ती सीरिया के कुछ इलाकों में पेजर (pager) में सिलसिलेवार ब्लास्ट (serial blasts) होने से अफरा-तफरी का माहौल है. वहीं, इस मामले पर अमेरिका (America) ने अपना बयान जारी किया है. पेंटागन ने कहा कि लेबनान में मंगलवार (17 सितंबर) को हुए पेजर विस्फोटों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. वॉशिंगटन ने इजरायल (Israeli) और लेबनान के बीच तनाव के लिए एक कूटनीतिक समाधान का रास्ता निकाला है.
उग्रवादी समूह हिजबुल्लाह ने लेबनान में पेजर विस्फोट करने का आरोप इजरायल पर लगाते हुए उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया है. इसके बाद इलाके में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है. पेंटागन के प्रवक्ता और वायुसेना के मेजर जनरल पैट्रिक राइडर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जहां तक मेरी जानकारी है, इसमें अमेरिका की कोई नहीं शामिल है. मैं फिर से कहना चाहूंगा कि हम इस पर नजर रख रहे हैं.”
अमेरिका ने कहा कि इस मामले के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक न्यूज ब्रीफिंग में बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका इन घटनाओं में शामिल नहीं था और उसे नहीं पता कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है. मिलर ने कहा, “हम इस घटना के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. अमेरिका को इस घटना के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी.”
कब और कैसे हुआ ब्लास्ट?
लेबनान और सीमावर्ती सीरिया के कुछ इलाकों में पेजर में सिलसिलेवार ब्लास्ट होने से अफरा-तफरी का माहौल है. इस ब्लास्ट में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 4000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों में लेबनान में ईरान के राजदूत भी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि पेजर्स को हैक कर ब्लास्ट किया गया था. इन पेजर्स का इस्तेमाल हिजबुल्लाह के लड़ाके करते हैं. इस हैकिंग के पीछे इजरायल का हाथ होने का दावा किया जा रहा है.
हिजबुल्लाह का कहना है कि वह इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार मानता है. हालांकि, इजरायल ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ये ब्लास्ट स्थानीय समयानुसार मंगलवार दोपहर लगभग 3:30 बजे हुए.
1 घंटे तक होता रहा ब्लास्ट
लेबनान में मंगलवार को अचानक घरों, सड़कों और बाजारों में लोगों की जेब में विस्फोट होने लगे. लगभग एक घंटे तक लेबनान से लेकर सीरिया तक ब्लास्ट हुए. लेबनान का कहना है कि इजरायल ने हिजबुल्लाह को निशाना बनाते हुए सीरियल पेजर ब्लास्ट को अंजाम दिया है. इसे हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन सिस्टम पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है.
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