नई दिल्ली । दिल्ली पहुंचे राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा, मंत्रिमण्डल विस्तार (Expansion of the cabinet) का निर्णय आलाकमान पर छोड़ा (‘Leave the decision on the high command’) । गहलोत ने गुरुवार को सुबह 10 जनपथ पहुँचकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की (Meet sonia gandhi) ।
करीब आधे घण्टे चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में कहा कि सोनिया गांधी के साथ अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। देश का लोकतंत्र, संविधान खतरे में है। इनकम टैक्स और सीबीआई का मिसयूस हो रहा है। अब देशद्रोह का मुकदमा लगा देते हैं। देश की हालत चिंताजनक बनी हुई है। पेट्रोल-डीजल-गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार को राज्य सरकारों की मदद करनी चाहिए।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा, मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर सारी बात हाईकमान के समक्ष रख दी है। हाईकमान जो फैसला लेगा, मुझे मंजूर होगा। उन्होंने कहा, मैंने राजस्थान के विषय पर सारी स्थिति सोनिया गांधी और कल हुई बैठक में रख दी है। अब आगे का निर्णय आलाकमान पर छोड़ा है।
सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की थी। इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी विणुगोपाल और राजस्थान प्रभारी अजय माकन भी शामिल हुए। राजस्थान के सियासी मसले को सुलझाने के लिए 25 दिन में दूसरी बार सीएम अशोक गहलोत मंगलवार देर रात दिल्ली पहुँचे। बुधवार शाम उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि सीएम गहलोत के दिल्ली दौरे के साथ ही राजस्थान लंबे समय से प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर अटकलें शुरू हो गई हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि गहलोत के दिल्ली दौरे के बाद इस बार राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल पर फैसला हो जाये है। गहलोत गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात करते ही अब प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रगी हैं। सूत्रों के अनुसार आठ से बारह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी और तीन पुराने चेहरों को हटाया जा सकता है। इसमें पायलट खेमे के 4 चेहरे मन्त्रिमण्डल में शामिल होंगे।
दरअसल गहलोत सरकार में अभी 9 जगह खाली है। प्रदेश में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं। अभी मुख्यमंत्री सहित 21 हैं, कम से कम 9 मंत्री और बन सकते हैं। एक व्यक्ति एक पद को आधार बनाया गया तो 3 जगह और खाली हो सकती हैं। गहलोत मंत्रिमंडल का सरकार बनने के बाद अभी एक बार भी विस्तार नहीं हुआ है।
बुधवार शाम हुई बैठक को लेकर राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने कहा था कि बैठक में राजस्थान में 2023 में सरकार फिर से बनाने समेत हर मुद्दे पर बातचीत हुई। इसका रोडमैप तैयार किया गया। हालांकि राजस्थान में जिस तरह के उपचुनाव के नतीजे आए हैं, उसको देखते हुए राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ और समय तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहत मिल गई है। इसके साथ ही गुटबाजी झेल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य में दो सीटें जीतने का हौसला मिला और मंत्रिमंडल विस्तार के लिए विरोधी गुट द्वारा उन पर जो दबाव बनाया जा रहा था वो भी कुछ कम हो गया है।
सूत्रों के अनुसार गहलोत के नए फॉमूर्ले में मंत्री बनने से वंचित रहने वाले विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट करने का फार्मूला अपनाया जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 अक्टूबर को दिल्ली दौरे आये थे। उस दौरे उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी। हालांकि, सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में हिस्सा लिया था। उस समय राहुल गांधी के आवास पर हुई बैठक में गहलोत के प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ चर्चा की थी।
17 दिसंबर को गहलोत सरकार को तीन साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इन तीन साल में विस्तार या फेरबदल नहीं होने के पीछे पार्टी की खींचतान को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। बताया जाता है कि जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा उनमें से कई को राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट किया जाएगा।
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