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‘टॉप सीक्रेट’ दस्‍तावेज लीक होने से अमेरिका में खलबली, पेंटागन बोला- सुरक्षा को गंभीर खतरा

नई दिल्ली (New Delhi)। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (US Department of Defense), पेंटागन के कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स (secret documents) सोशल मीडिया पर लीक हो गए हैं. इसे लेकर वहां की सरकार में खलबली मची हुई है. तीन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां (national security agencies) इस बात की समीक्षा कर रही हैं कि आखिर सरकार के अपने सबसे संवेदनशील रहस्य बाहर आ गए और दर्जनों गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक हो गए.

अधिकारियों में से एक ने बताया कि जांच अधिकारी पता लगाने में जुटे हैं कि किस व्यक्ति या समूह के पास खुफिया रिपोर्ट जारी करने की क्षमता हो सकती है. 2013 में विकीलीक्स पर हजारों दस्तावेजों के लीक होने के बाद, यह लीक अमेरिकी सरकार की सूचनाओं का सबसे नुकसानदायक लीक साबित हो सकती है. आपको बता दें कि पेंटागन अमेरिका (Pentagon America) के रक्षा विभाग का मुख्यालय है. यह दुनिया की सबसे मशहूर इमारतों में शामिल है.

क्या है खास
इन दस्तावेजों के लीक होने के बाद कई सीक्रेट आउट हो गए हैं, रॉयटर्स ने ‘सीक्रेट’ और ‘टॉप सीक्रेट’ लेबल वाले 50 से अधिक दस्तावेजों की समीक्षा की है, जो पहली बार मार्च में सोशल मीडिया साइटों पर दिखाई दिए थे और इन पर टॉप सीक्रेट का लाल निशान लगा हुआ है. ये दस्तावेज यूक्रेन में चल रहे युद्ध और इजरायल, दक्षिण कोरिया तथा तुर्की सहित सहयोगियों के बारे में जानकारी देते हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यूक्रेन से युद्ध के मैदान में हताहत होने का अनुमान देने वाले कुछ दस्तावेजों में रूसी नुकसान कम दिखाया गया है.


इसके अलावा, यूक्रेन -रूस युद्ध को लेकर बताया गया है कि यूक्रेन को कितने टैंक, बख़्तरबंद गाड़ियाँ और तोपखाने मुहैया कराए जा रहे हैं. वहीं यूक्रेनी सेना की कैसी तैयारी है और डिफेंस सिस्टम में क्या खामियां और मजबूती है, ये भी दस्तावेजों में बताया गया है.

जांच जारी
अमेरिका के न्याय विभाग ने दस्तावेजों के लीक होने पर आपराधिक जांच शुरू कर दी है. नाम न छापने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि पेंटागन को पता चला है कि आंतरिक रूप से कुछ खुफिया जानकारियां व्यापक रूप से साझा की जा रही हैं और पेंटागन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन लोगों को इसकी आवश्यकता नहीं है वहां तक यह ना पहुंचे. अधिकारी ने कहा कि पेंटागन को पिछले सप्ताह तक लीक के बारे में पता नहीं था.

अमेरिकी सुरक्षा में सेंध
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ दस्तावेजों के अत्यधिक संवेदनशील होने के बावजूद, इनके अमेरिका और संबद्ध सरकारी सुरक्षा एजेंसियों के साथ हजारों लोगों के तक पहुंचने की संभावना हैं. यह सीधे-सीधे अमेरिका की सुरक्षा में सेंध का मामला है. पेंटागन ने रविवार को कहा कि एक अंतर-एजेंसी लगातार इसकी जांच में जुटी है. तमाम गोपनीय जानकारियों का सार्वजनिक होना अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी पर भी सवाल खड़े करता है. बिना फ़ोल्ड किए हुए प्रिंटेड पेज और तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हैं. एक अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों तक यह दस्तावेज पहुंचे हैं वह दर्शाता है कि उनके पास गुप्त जानकारी के साथ-साथ संवेदनशील जानकारी और कर्मियों की सूचना भी पहुंच गई थी.

ताजा जानकारी भी लीक
इस तरह ये बात तो साफ हो गई है कि ये दस्तावेज असली थे और इसके दूरगामी परिणाम होंगे. पेंटागन के दोनों अधिकारियों ने स्वीकार किया कि लीक होना अत्यधिक चिंता का विषय है, उनमें से कई में तो फरवरी और मार्च की जानकारी तक थी. कुछ सबसे संवेदनशील जानकारी कथित रूप से यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं और कमियों से संबंधित है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यह अब तक 700,000 दस्तावेजों, वीडियो और डिप्लोमैटिक केबल्स के दायरे तक नहीं पहुंच पाए हैं, जैसा 2013 में विकीलीक्स वेबसाइट पर दिखाई दिए थे.

सहयोगियों के बयान
इस लीक पर पहले ही कुछ विदेशी सरकारों की प्रतिक्रिया आ चुकी है. रविवार को, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने लीक की खबरों को ‘झूठा और बेबुनियाद’ करार दिया. दरअसल एक दस्तावेज में कहा गया है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने नेतन्याहू की न्यायपालिका पर नियंत्रण को कड़ा करने की योजना के खिलाफ हाल के विरोध को प्रोत्साहित किया.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें लीक हुए दस्तावेजों के बारे में जानकारी है और वह वाशिंगटन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं. लीक हुए दस्तावेजों में से एक में इस बात की जानकारी है कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए सियोल पर अमेरिकी दबाव था.

अमेरिका और अन्य देशों का अपने सहयोगियों की जासूसी करना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन इस तरह की जासूसी का सार्वजनिक खुलासा होना उन सहयोगियों के लिए असुविधाजनक होता है, जिन्हें अपने लोगों को यह समझाने में वक्त लग जाता है कि आखिर ऐसा कैसे हो गया.

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