उज्जैन। भाजपा संगठन ने जो नई गाइडलाइन तय की है यदि उसका पालन हुआ तो शहर के कई वरिष्ठ पार्षद और संगठन में काम कर रहे नेताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन ने टिकट के लिए गाइड लाइन तय की है, इसमें 80 फीसदी नए युवा चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, वहीं यदि किसी जिला अथवा मंडल पदाधिकारी को पार्षद का चुनाव लडऩा है तो उसे संगठन के पद से इस्तीफा देना पड़ेगा वहीं जिस वार्ड में पार्षद दो से तीन बार एक ही व्यक्ति बन चुका है, उसे हटाकर नए चेहरे को टिकट दिया जाएगा।
यदि कोई वर्तमान में पार्षद है और उक्त सीट महिला हो गई तो वहां उसके सगे संबंधी को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी की इस गाइडलाइन का फार्मूला यदि चला तो उज्जैन कई लोगों के लिए यह मुसीबत बन जाएगा क्योंकि भाजपा में तीन से चार नगर जिला टीम के पदाधिकारी और चार मंडल अध्यक्ष खुद या उनकी पत्नी को चुनाव लडऩा चाहते हैं। कई वार्डों में पार्षद दो से तीन बार लड़ चुके हैं और फिर वहीं दावेदारी जता रहे हैं। इसके अलावा कुछ भाजपा पार्षदों का वार्ड महिला आरक्षण की जद में आ चुका है और वे अपनी पत्नी या अन्य रिश्तेदार को टिकट दिलाना चाहते हैं। अब ऐसे में यह गाइडलाइन इन सभी के लिए मुसीबत बन सकती है। हालांकि गाइडलाइन बनी है लेकिन इसका पालन उज्जैन में कितना होगा यह देखने वाली बात होगी। हालांकि अभी यह देखना है कि बड़े नेताओं के दबाव में क्या इसमें समझौता किया जा सकता है।
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