कुछ ऐसा करो जिससे मुकदमे दर्ज ना हो और लाठी भी नहीं पड़े, जेब का पैसा भी खर्च ना हो
इंदौर । मध्यप्रदेश (MP) कांग्रेस कमेटी (Congress Committee) द्वारा हर महीने (monthly) किए जाने वाले आंदोलन (Agitation) के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं ने हल्ला बोल दिया। इन नेताओं ने आंदोलन पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कुछ ऐसा करो, जिससे लाठी भी नहीं पड़े, मुकदमे भी दर्ज नहीं हो और जेब का पैसा भी खर्च नहीं हो।
सुर बदले नजर आए काम कर गया फेरबदल
कल की इस बैठक में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सुर थोड़े बदले हुए नजर आए। उनके द्वारा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी पर वैसा हमला नहीं बोला गया, जैसा कि ऑनलाइन बैठक में नजारा दिख रहा था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बैठक में भाग लेने के लिए तो नहीं आए, लेकिन उनके द्वारा फोन पर बैठक को संबोधित किया गया। उनके सुर भी शांत और संयम वाले थे। इससे ऐसा लगा कि असंतोष को ठंडा करने के लिए दिग्विजय और कमलनाथ के समर्थकों को पद बांटने का पटवारी का फार्मूला काम कर गया।
दिग्गी-अजय पर पटवारी का निशाना
इस बैठक में जब दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के द्वारा बार-बार किए जाने वाले आंदोलन पर सवाल उठाया तो उन पर निशाना लगाने में पटवारी ने जरा भी देरी नहीं की। उन्होंने तत्काल पूछ लिया कि तो फिर क्या आंदोलन करना बंद कर दें? इस पर राजा को बोलना पड़ा कि मैं आंदोलन करने से मना नहीं कर रहा हूं, लेकिन जितने ज्यादा आंदोलन किए जा रहे हैं, उससे मना कर रहा हूं। जब अजय सिंह ने प्रभारी की नियुक्ति पर सवाल उठाया तो पटवारी ने कह दिया कि आप कहो तो यह नियुक्ति करना बंद कर दें, लेकिन इसके लिए हमें कांग्रेस का संविधान बदलना पड़ेगा।
आप भी सुनने की क्षमता बना लो
इस बैठक के समापन के मौके पर पटवारी ने कहा कि मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि हमारे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुनने की क्षमता बढ़ गई है। आज इस बैठक में करीब 5 घंटे तक बैठकर आप लोगों ने शांति के साथ सारी बातें सुनी है। जैसे ही पटवारी ने इतना कहा वैसे ही वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं के बीच खुसुर-फुसुर शुरू हो गई। नेता यह कहते हुए सुने गए कि आप भी तो अपनी सुनने की क्षमता बना लो। आप हमेशा अपनी बात रखते हो और दूसरे नेता कार्यकर्ता की बात सुनते ही नहीं हो।
सिंघार ने दिखा दिया आईना
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को आईना दिखा दिया। उन्होंने कहा कि जब भी कोई आंदोलन किया जाता है तो आंदोलन होते ही सारे बड़े नेता आंदोलन स्थल से चले जाते हैं। इसके बाद में वे या तो शहर छोड़ देते हैं या फिर किसी अन्य कार्य में लग जाते हैं। हम लोग कभी भी आंदोलन में भाग लेने के लिए आने वाले अपने कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते हैं, उनसे बात नहीं करते हैं। इससे कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जाता है। पार्टी के नेताओं को इस तरफ ध्यान देना होगा।
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