नई दिल्ली: हमास के साथ जंग के बीच इजराइल के करीबी मुल्कों में एक मिस्र ने शांति सम्मेलन बुलाया है. काहिरा में विदेशी नेताओं के लिए स्टेज तैयार है. काहिरा शांति शिखर सम्मेलन का मकसद गाजा में इजराइल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच बढ़ते संकट पर चर्चा करना है. अमेरिका, इजराइल और कुछ अन्य देशों के प्रमुखों ने समिट में हिस्सा नहीं लिया. चीन, रूस और जापान उन गैर अरब मुल्कों में हैं, जिन्होंने अपने प्रतिनिधि शांति सम्मेलन में भेजे हैं.
फिलिस्तीन के भविष्य पर चर्चा करने के लिए कई अरब और यूरोपीय राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के साथ-साथ कई देशों के विदेश मंत्रियों ने भी शिरकत की. इस समिट का मुख्य उद्देश्य एकता को बढ़ावा देना और संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालना था. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजराइल गाजा पर जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. इजराइल के जवाबी हमले में 4,100 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और गाजा में मानवीय संकट बढ़ गया है. मीटिंग आज स्थानीय समयानुसार 10 बजे के लिए शेड्यूल है.
अरब देशों ने 23 लाख लोगों की आबादी वाले गाजा पर इजराइल की बमबारी और घेराबंदी पर नाराजगी जताई है. यूरोपीय देश एकताई कायम करने की कोशिशों में हैं. हालांकि, यूरोपीय यूनियन ने हमास की कड़े शब्दों में आलोचना की है. मिस्र राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा को मानवीय मदद भेजने की कोशिश कर रहा है, जो एकमात्र एग्जिट पॉइंट है जिसपर इजराइल की पहरेदारी नहीं है. हालांकि, इजराइल यहां लगातार बमबारी कर रहा है. मिस्र के राष्ट्रपति, अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने कहा कि सिनाई में फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने की किसी भी कोशिश को लाखों मिस्रवासियों द्वारा खारिज किया जाता है और वे हर तरफ से मदद के लिए तैयार हैं.
इन विदेशी नेताओं ने की शांति सम्मेलन में शिरकत
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