भोपाल। भोपाल नगर निगम के चुनाव की डेट फाइनल होते ही टिकट के दावेदारों की सियासी भी दौड़ शुरू हो गई है। भाजपा-कांग्रेस में दावेदारों की भीड़ लगी हुई है। शुक्रवार को भाजपा दफ्तर में नेताओं की भीड़ लगी रही। जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी ने उनसे वन-टू-वन चर्चा की। नेताओं ने खुद के साथ पत्नी, बहू या बेटी के लिए दावेदारी की है। नगर निगम के 85 में से करीब 95 प्रतिशत यानी, 81 पूर्व पार्षदों के रिजर्वेशन ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं। ऐसे में पूर्व पार्षदों को नई जमीन तलाशना पड़ रही है। वे दूसरे वार्डों से चुनाव लडऩे का मन बना चुके हैं और टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर, कई नेता पत्नी, बेटी या बहू के लिए टिकट मांग रहे हैं, क्योंकि 50 प्रतिशत वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं। इस कारण वार्ड से पार्षद के लिए महिलाओं को ही चुनाव में उतारा जाएगा।
कई बिंदुओं पर फीडबैक लिया
भाजपा के पीर गेट स्थित जिला कार्यालय में शुक्रवार सुबह से ही दावेदारों की भीड़ लगी रही। इनमें महिलाएं भी थीं, जो पार्षद का टिकट चाह रही थी। वे अपने पति के साथ आई थीं और उन्हीं के साथ जिलाध्यक्ष पचौरी से मिलीं। पचौरी ने सभी से वन-टू-वन चर्चा की। चुनाव कैसे जीतेंगे? जैसे कई बिंदुओं पर फीडबैक लिया गया। पूरे दिन ऑफिस में दावेदारों की गहमा-गहमी रही।
कई नेताओं का बिगड़ा है गणित
इस बार रिजर्वेशन ने कई नेताओं का गणित बिगाड़ा है। इनमें पूर्व नगर निगम अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, कई एमआईसी मेंबर और पार्षद रह चुके बड़े नेता भी शामिल हैं। सिर्फ 4 वार्ड (33, 46, 56 और 62) ही ऐसे हैं, जिनका अबकी बार आरक्षण नहीं बदला है। बाकी 81 वार्ड की तस्वीर बदल चुकी है। इसलिए पूर्व पार्षद या दिग्गज नेता दूसरे वार्ड से चुनाव लडऩे की रणनीति बना रहे हैं। खुद को टिकट न मिल पाने की स्थिति में घर की ही महिला के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
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