कोझिकोड। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि कुछ नेताओं का मूल्यांकन उनके साधारण पहनावे या कम कीमत वाली घड़ियों के आधार पर नहीं किया जा सकता क्योंकि वे आम जनता से अपनी असली संपत्ति छिपाने में ‘बहुत चतुर’ होते हैं। वह यहां इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के दिवंगत नेता पी सीथी हाजी पर लिखी गई एक किताब के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं के असली स्वभाव को उनके बच्चों को देखकर पहचाना जा सकता है।
‘आज के नेता आपको केवल वही दिखाएंगे जो वे आपको दिखाना चाहते हैं’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं कई नेताओं से मिलता हूं और जैसा कि आप जानते हैं, वे बहुत चतुर लोग हैं। आज के नेता आपको केवल वही दिखाएंगे जो वे आपको दिखाना चाहते हैं।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘कभी-कभी जब वे मुझसे मिलने आते हैं, तो साधारण कपड़े, कम कीमत वाली घड़ियां और फटे जूते पहनकर आते हैं। जब आप उनके घर जाते हैं तो वहां उनके पास बड़ी बीएमडब्ल्यू होती हैं। ये लोग बहुत चतुर होते हैं। वे जानते हैं कि आप क्या देख रहे हैं।’’
उनके मुताबिक, नेता कपड़ों और पहनावे की अन्य चीजों के ज़रिये अपनी असलियत को छिपा सकते हैं, लेकिन ‘‘जब बात उनके बच्चों की आती है तो सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि इसी कारण उन्हें इन व्यक्तियों का त्वरित और सटीक मूल्यांकन करने के लिए एक नए तरीके का सहारा लेना पड़ा।
‘मैं नेताओं से अपने बच्चों को मेरे पास भेजने के लिए कहता हूं’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में लगभग 18 साल बिताने और विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद लोगों के मूल्यांकन या परख का यह ‘‘बुलेटप्रूफ’’ तरीका इजाद किया है। गांधी ने कहा, ‘‘मुझे यह बुलेटप्रूफ रास्ता ढूंढने में 18 साल लग गए, जहां किसी व्यक्ति के लिए अपने बारे में सच्चाई छिपाना असंभव होगा। मैं उनसे अपने बच्चों को मेरे पास भेजने के लिए कहता हूं। बच्चों के साथ, सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती।’’
बशीर अपने पिता की छाप हैं- राहुल
हाजी आईयूएमएल के नेता और केरल की नौवीं विधानसभा में सत्तापक्ष के मुख्य सचेतक थे। राहुल गांधी के अनुसार, वह हाजी के बारे में ज्यादा नहीं जानते क्योंकि वह उनसे कभी नहीं मिले, लेकिन उनके पुत्र पी. के. बशीर – को देखकर वह अंदाजा लगा सकते हैं कि दिवंगत आईयूएमएल नेता किस तरह के व्यक्ति थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि वह (बशीर) अपने पिता की छाप हैं। मैं उन्हें देखकर उनके पिता के बारे में जान सकता हूं। कुछ भी छिपाया नहीं जा सकता।’’
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