इंदौर। पूर्व महापौर और विधायक मालिनी गौड़ ने कल बातों ही बातों में शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर तंज कसा और कहा कि सफाई के लिए लीडर मॉनीटरिंग की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं जब महापौर थी तब सुबह ओडीएफ के लिए दौरे करती थी और रात डेढ़ बजे भी सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने पहुंच जाती थी। गौड़ ने पूर्व निगम कमिश्नर से समन्वय की बात भी कही। गौड़ का ये इशारा किस ओर था, यह उनकी बातों से ही साबित हो गया।
कल विधायक मालिनी गौड़ फूटी कोठी चौराहे पर बन रहे फ्लाय ओवर का निरीक्षण करने पहुंची थीं। निरीक्षण के बाद जब मीडिया ने उनसे शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग बहुत जरूरी है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मैं और जो तत्कालीन कमिश्नर थे, हम दोनों का समन्वय बहुत अच्छा था। मालिनी ने अपने कार्यकाल को लेकर कहा कि मैं सुबह ओडीएफ के लिए जाती थी तो रात को डेढ़ बजे भी सफाई व्यवस्था को देखने पहुंच जाती थी। उन्होंने बार-बार मॉनीटरिंंग की बात भी कही। उससे ही स्वच्छता का वातावरण बना था।
हालांकि उन्होंने शहर में बदहाल हो रही सफाई व्यवस्था को लेकर सीधे तो कोई आरोप किसी पर नहीं लगाया, लेकिन यह भी कहा कि हमने सख्ती की थी और लोगों से सहयोग लिया था तो स्वच्छता का वातावरण बना था। आगे भी यह वातावरण बना रहे, इसके लिए मैं शुभकामनाएं देती हंू। उन्होंने लोगों में जागरूकता की कमी बताया और कहा कि स्टिक होना पड़ेगा और लीडर मॉनीटरिंग करना पड़ेगी। चार नंबर की भाजपा की राजनीति में इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एक तरह से गौड़ ने बिना नाम लिए शहर में बदहाल हो रही सफाई व्यस्था को लेकर तंज कसा है।
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