लखनऊ । अफसरों की मिलीभगत (collusion of officers) और भ्रष्टाचार (Corruption) की नींव पर खड़े लेवाना सुइट्स होटल अग्निकांड (suites hotel fire) की रिपोर्ट शुक्रवार देर रात प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को सौंप दी गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब और पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर की जांच में मुख्य रूप से लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट में इनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
सूत्रों के अनुसार भविष्य (Future) में लेवाना अग्निकांड जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जांच रिपोर्ट में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए हैं। इस बीच, एलडीए ने राजधानी में अवैध तरीके से बने 200 होटलों की सूची शासन व मंडलायुक्त को सौंप दी है। इनमें से 60 अवैध होटलों को सील करने का आदेश जारी कर दिया गया है। शासन ने एलडीए से ऐसे अवैध होटलों की सूची मांगी थी जिनके खिलाफ उसने कार्रवाई का दावा किया था। इस संबंध में सचिव आवास अजय चौहान की ओर से शुक्रवार को एलडीए को पत्र भेज भी भेजा गया था।
बिना मानचित्र स्वीकृत कराए खड़े कर दिए होटल
एलडीए ने शासन को अवैध होटलों की जो सूची सौंपी है, उसमें बताया गया है कि उनमें क्या कमियां हैं? अधिकांश होटल ऐसे हैं जिनके लिए एलडीए से मानचित्र स्वीकृत नहीं कराए गए हैं। सबसे पहले उन होटलों को सील किया जा रहा है जिनका नक्शा स्वीकृत नहीं है। इसके बाद ऐसे होटलों के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिनका भू-उपयोग गलत है।
जिस होटल में आग लगी वह फिर हो गया खड़ा
नाका में 2018 में जिस विराट और एसएसजे इंटरनेशल होटल में आग लगने से सात लोगों की जान गई उनमें से एसएसजे इंटरनेशनल फिर से भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ा हो गया। शमन मानचित्र स्वीक़ृत करने में सांठगांठ की गई। आवासीय नक्शे पर एलडीए के इंजीनियर, अधिकारियों ने उसे दोबारा से बनवा दिया। इसे जल्द ही शुरू किए जाने की भी तैयारी थी। लेवाना सुइट्स में आग लगने के बाद जागे प्राधिकरण ने शुक्रवार को इसको सील कर दिया। बहरहाल एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि एसएसजे इंटरनेशनल होटल को सील करने के साथ ही अवैध निर्माण करने वाले होटलों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर दी गई है।
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